Monday, April 13, 2015

पल भर में सब बदल गया

पल भर में सब बदल गया और कुछ भी नहीं बदला जो बदला था
वो तो गुज़र गया
- नमालूम
31.05.02

उस रिश्ते से बचने के लिए

वो घर से भाग आई थी
उस रिश्ते से बचने के लिए
जो बिन चाहे उसके दामन से
बाँधा जा रहा था
- नमालूम

नीचे बहता दरिया कह रहा था

नीचे बहता दरिया कह रहा था
आओ, मेरी आगोश में आ जाओ
मैं तुम्हारी बदनामी के सारे दाग छिपा लूँगा
- नमालूम 

पुरानी जींस और गिटार

पुरानी जींस और गिटार
मोहल्ले कि वो छत और मेरे यार
- नमालूम
05.04.02

रफीकों से रकीब अच्छे

रफीकों से रकीब अच्छे जो जल कर नाम लेते हैं
गुलों से खार बेहतर हैं जो दामां थाम लेते हैं
- नमालूम

रह गए

रह गए लाखों कलेजे थाम कर
आँख जिस जानिब तुम्हारी उठ गयी
- नमालूम

Sunday, April 12, 2015

अफ़सोस मैंने

अफ़सोस मैंने रोजे अज़ल ये न कह दिया
दे मुझको सब जहां कि नेमत सिवाए दिल
- नमालूम

हमारे शीशए दिल को

हमारे शीशए दिल को संभल कर हाथ में लेना
नजाकत इसमें इतनी है नज़र से जब गिरा टूटा
- नमालूम
27.08.01

तेरी गली में आकर

तेरी गली में आकर खो गए हैं हम दोनों
दिल मुझको ढूंढता है मैं दिल को ढूंढता हूँ
- नमालूम

दिल टूटने से

दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ तो हुयी
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया
- नमालूम

उजाड़ना सीख दुनिया से

उजाड़ना सीख दुनिया से अगर सर सब्ज होना है
गुलिस्तां लहलहाए बारहा नज़रे खिजां होकर
- नमालूम

न कुछ हम हंस के सीखे हैं

न कुछ हम हंस के सीखे हैं न कुछ हम रो के सीखे हैं
जो कुछ थोड़ा सा सीखे हैं तुम्हारे हो के सीखे हैं
- नमालूम

वो इधर आये उधर रात

वो इधर आये उधर रात ने दम तोड़ दिया
हाय किस वक़्त सितारों को भी नींद आई है
- नमालूम

जब हम बीमार हो जाएँ

जब हम बीमार हो जाएँ तो वो दिन याद करके हम पर अपने पैसे खर्च करना जब हम तुम्हारी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए अपनी ख्वाहिशें कुर्बान करते थे
- नमालूम

जब हम बूढ़े होकर चल न पायें

जब हम बूढ़े होकर चल न पायें तो हमारा सहारा बनना
और अपना पहला कदम याद करना
- नमालूम

जब हम कोई बात भूल जाएँ

जब हम कोई बात भूल जाएँ  तो हम पर गुस्सा मत करना
और अपना बचपन याद करना
- नमालूम

हाथ में जब आइना उठा लेगा

तमाम एब नज़र आयेंगे उसे खुद में वो अपने हाथ में जब आइना उठा लेगा
- नमालूम
18.08.01

जो सच है वही लिखूंगा

जो सच है वही लिखूंगा तू क़त्ल कर दे मुझे
सिवाए जान के मेरी तू और क्या लेगा
- नमालूम

बचा सको तो बचा लो

बचा सको तो बचा लो वजूद को अपने
जमीर बेच के जीने से फायदा क्या है
- नमालूम

जीना है तो दुनिया में

जीना है तो दुनिया में अब इस अदा से जी
आलम में तेरे बाद तेरी दास्ताँ रहे
- नमालूम

यह माना कि तबाही में हैं दुश्मनों के हाथ

यह माना कि तबाही में हैं दुश्मनों के हाथ
कुछ चाल क़यामत की अपने भी चलते हैं
- नमालूम

इरादे लाख बनते हैं

इरादे लाख बनते हैं मगर वो टूट जाते हैं
अजमेर वही आते हैं जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं
- नमालूम

धूल झाड़कर

धूल झाड़कर जब पढ़ी यादों जड़ी किताब
हर पन्ने पर मिल गए सूखे हुए गुलाब
- नमालूम

एक शहंशाह ने

एक शहंशाह ने बनवा कर हसीं ताजमहल
हम गरीबों कि मुहबत का उड़ाया है मजाक
- नमालूम

घड़ी देखी सेकेण्ड कि सुई

घड़ी देखी सेकेण्ड कि सुई
अपने पहरे पे परेड कर रही थी
और अभी तक उसके आने की
कोई आहट नहीं थी
- नमालूम

इधर-उधर कई मंजिलें हैं

इधर-उधर कई मंजिलें हैं
जो चल सको तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
खुद अपने आप से आगे निकल सको तो चलो
- नमालूम

अमन बेच देंगे , चमन बेच देंगे

अमन बेच देंगे , चमन बेच देंगेधरा बेच देंगे गगन बेच देंगे
कलम के पुजारियों ने अगर कलम बंद रखी
तो वतन के पुजारी वतन बेच देंगे
- नमालूम

सर छुपाना

सर छुपाना वो भी इस वस्ती में कोई खेल है
क्या खबर तुमको कि ओढ़नी मंहगी पड़ी
एक ख्वाहिश के लिए क्या-क्या बिका मत पूछिए
मुख़्तसर ये है कि चादर रेशमी मंहगी पड़ी
- नमालूम

तेरी याद आ गयी

तेरी याद आ गयी ग़म ख़ुशी में ढल गए
एक चिराग क्या जला सौ चिराग जल गए
- नमालूम

मंज़र तुम्हारे हुस्न का

मंज़र तुम्हारे हुस्न का सबकी नज़र में है
अब मेरे ऐतवार कि कश्ती भंवर में है
- नमालूम

नेकी मेरी छुप-छुप दुआ मांग रही है

नेकी मेरी छुप-छुप दुआ मांग रही है
रुसवाई मेरे घर का पता मांग रही है
- नमालूम

अहदे नब तेरे मीर हैं हम

अहदे नब तेरे मीर  हैं हम लोग
आप अपनी नजीर हैं हम लोग
- नमालूम

फन कि जुल्फें संवारता हूँ मैं

फन कि जुल्फें संवारता हूँ मैं
मेरा महबूब मेरा फन है
- नमालूम

दिल से हवाए-किस्ते-वफ़ा मिट गयी

दिल से हवाए-किस्ते-वफ़ा मिट गयी कि वां
हासिल सिवाए हसरते हासिल नहीं रहा
- नमालूम

मरने की ए दिल और ही तदबीर कर

मरने की ए दिल और ही तदबीर कर कि मैं
शायाने दस्ते-बाजुए कातिल नहीं रहा
- नमालूम

जाता हूँ दागे हसरते हस्ती लिए हुए

जाता हूँ दागे हसरते हस्ती लिए हुए
हूँ शम्मय कुशता दर्खुरे महफ़िल नहीं रहा
- नमालूम

बागवां है चार दिन की बाग़-ए-आलम में बहार

बागवां है चार दिन की बाग़-ए-आलम में बहार
फूल सब मुरझा गए खली बियाबां रह गया
दौलते-दुनिया न काम आएगीकुछ भी बाद मरग
है ज़मीन में खाक कारूं का खजाना रह गया
- नमालूम

होगा हर एक आह से

होगा हर एक आह से महशर बपा 'रसा'
आशिक का तेरे होश में आना नहीं अच्छा
फसल-ए-गुल में भी रिहाई कि न कुछ सूरत हुई
क़ैद में सय्याद मुझको एक ज़माना हो गया
- नमालूम

खुद-ब-खुद आज तो वो बुत आया

खुद-ब-खुद आज तो वो बुत आया
ये भी दौड़ा ख़ुदा-ख़ुदा करके
तेरी सूरत मुझे भाई मेरा जी जानता है
जो झलक तूने दिखाई मेरा जी जानता है
- नमालूम

नियाजे इश्क

अर्जे नियाजे इश्क के काबिल नहीं रहा जिस दिल पे हमको नाज़ था वो दिल नहीं रहा
- नमालूम
 

लब से तेरे

लब से तेरे अकीके चमन सुर्खुरू हुआ
तेरे ही रुख  ने दी है ये रंगत गुलाब में
- नमालूम

बड़ा है तख़्त-ए-सुलेमा

बड़ा है तख़्त-ए-सुलेमा से रुतबा-ए-ताबूत
कि मेरे लाशें को वह चलते हैं उठाए हुए
- नमालूम

दाग-ए -दिल

दाग-ए -दिल फिर सूरत-ए-लाला मेरा ताजा हुआ
वह चढ़ाने के लिए जब फूल मरकद पे चले आए
- नमालूम

ले चले दो फूल

ले चले दो फूल भी इस बाग़ -ए-आलम से न हम
वाक्के रह्लत हैफ है खली ही दामां रह गया
- नमालूम

शबे जुदाई का सदमा

शबे जुदाई का सदमा नहीं सहा जाता
हराम मौत न होती तो ज़हर खा जाता
- नमालूम

गज़ब है सुरमा देकर

गज़ब है सुरमा देकर आज वह बाहर निकलते हैं
अभी से कुछ दिल-ए-मुस्तर पे अपने तीर चलते हैं
- नमालूम

चेहरे में मेरे

चेहरे में मेरे महके मुकाबिल हो क्या मजाल
यह रंग-ओ-नूर कहाँ है गुल-ए-आफ़ताब में
- नमालूम

बहार आई है

बहार आई है भर दे वादा-ए-गुल्गुं से पैमाना रहे लाखों बरस बाकी तेरा आबाद मयखाना
- नमालूम


संभल बैठो

संभल बैठो अरे मस्तो जरा होश्यार हो जाओ
कि साक़ी हाथ में मय  का लिए पैमाना आता है
- नमालूम

छानी कहाँ न ख़ाक

छानी कहाँ न ख़ाक न पाया कहीं तुम्हें
मिट्टी मेरी खराब अक्स दर-ब-दर हुयी
- नमालूम

बैठे हैं शाम से

बैठे हैं शाम से तेरे दर पे सहर हुई
अफ़सोस ऐ ! क़मर न क्यों मुतलक ख़बर हुयी
-नमालूम

असीराने कफस

असीराने कफस सहन-ए-चमन को याद करते हैं
भला बुलबुल पे यों भी जुल्म सैयाद करते हैं
- नमालूम

चमन को याद कर

चमन को याद कर ये कफस याद करता है
कोई ऐसा सितम दुनिया में ऐ सैयाद करता है
- नमालूम

आशना नहीं मिलता

ख़ुदा मिले तो मिले आशना नहीं मिलता
किसी का कोई नहीं दोस्त सब कहानी है
- नमालूम

आ गयी सर पे कज़ा

आ गयी सर पे कज़ा लो सामान रह गया
ऐ फलक क्या-क्या हमारे दिल में अरमान रह गया
- नमालूम

तुमने अच्छा सहारा

तुमने अच्छा सहारा दिया बेसहारा मुझे कर दिया
कल गले से लगाए मुझे आज ठुकरा दिया बेवफा
- नमालूम

मैं किस कदर

मैं किस कदर मेरे महबूब तुमसे प्यार करूँ
तू अगर झूठ भी बोले तो ऐतबार करूँ
- नमालूम

अंगड़ाई पे अंगड़ाई

अंगड़ाई पे अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की
- नमालूम

साकी तेरी नज़र है

साकी तेरी नज़र है या खंज़र शराब में
इक चाँद देखता हूँ मैं अक्सर शराब में
- नमालूम

ग़ज़ल में बंदिशे अलफ़ाज़

ग़ज़ल में बंदिशे अलफ़ाज़ नहीं काफी
जिगर का खून भी चाहिए
-नमालूम 

मजे इश्क

मजे इश्क के वो ही जानते हैं
मौत को जो ज़िन्दगी मानते हैं
- नमालूम

वज्म है उनकी

वज्म है उनकी हम क्या लाये
प्यासे गए और प्यासे आए
- नमालूम

दर्दे दिल

दर्दे दिल क्या बांटने की चीज है
बाँट लें अपने पराये दर्दे दिल
- नमालूम

इक रिदायेतीर्गी

इक रिदायेतीर्गी  है और ख्वाबेकायनात 
डूबते जाते हैं तारे , भीगती जाती है रात
- नमालूम

या तुम ही किसी के हो न सके

ये आज फिजा खामोश है क्यूँ , हर ज़र्रे को आखिर होश है क्यूँ
या तुम ही किसी के हो न सके या कोई तुम्हारा हो न सका
मौजें भी हमारी हो न सकीं , तूफां भी हमारा हो न सका
- नमालूम

बादशाहों की मुअत्तर

बादशाहों की मुअत्तर ख्वाब्गाहों में कहाँ वह मज़ा जो भीगी-भीगी घास पे सोने में है
मुतमइन बेफिक्र लोगों की हंसी में भी कहाँ
लुत्फ़ जो एक दूसरे को देखकर रोने में है
- नमालूम
27.05.01

आसमानों को नींद नहीं आती

कौन ये ले रहा है अंगड़ाईयां
आसमानों को नींद नहीं आती
- नमालूम

मकतबे इश्क

मकतबे इश्क में इक ढंग निराला देखा
उसको छुट्टी न मिली जिसको सबक याद हुआ
- नमालूम

कैफ बरदोश

कैफ बरदोश बादलों को न देख
बेखबर, तू न कुचल जाये कहीं
- नमालूम

गुदाजे इश्क़ नहीं

गुदाजे इश्क़ नहीं कम जो दिल जवां न रहा
वही है आग मगर आग में धुआं न रहा
- नमालूम

यादों के हंसी

यादों के हंसी बुतखाने हर चीज उठा दी जाएगी
फिर कोई न पूछेगा सरदार कहाँ है महफ़िल में
- नमालूम

आज भी दिल में

आज भी दिल में मेरे दर्द की लज्जत है वही
भूलने वाले मुझे तुझसे मुहब्बत है वही
- नमालूम

सजा ये कैसी

सजा ये कैसी मिली हमको दिल लगाने की
कि रो रहे हैं तमन्ना थी मुस्कुराने की
- नमालूम

कहीं ऐसा न हो

कहीं ऐसा न हो दामन बचा लो
हमारे आंसुओं पर ख़ाक डालो
- नमालूम

तेरे चेहरे से

तेरे चेहरे से सरकते हुए आँचल की कसम
मैंने एक चाँद को बदली से निकलते देखा
- नमालूम

तू बहुत दूर है नज़रों

तू बहुत दूर है नज़रों की हदों से लेकिन
हम हर एक पल तुझे जीने की दुआ देते हैं
- नमालूम

दुश्मन के हर फरेब से

दुश्मन के हर फरेब से वाकिफ तो हूँ मगर
अहबाब के खुलूस से घबरा रहा हूँ मैं
- नमालूम 

दिल दे तो इस मिजाज़

दिल दे तो इस मिजाज़ का परवर दिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुजार दे
-नमालूम

तहजीब के मोती

तहजीब के मोती को आँचल पे सजा रखना
पहलू में दिले मुखलिस आँखों में हया रखना
- नमालूम

कभी हम थे कि रोतों को हंसा देते थे

कभी हम थे कि रोतों को हंसा देते थे
अब वही हम हैं कि थमता नहीं आंसू अपना
- नमालूम

सितम करने वाले

सितम करने वाले करम क्या करेंगे
वफ़ा वो करेंगे तो हम क्या करेंगे
- नमालूम

वही महसूस करते हैं

वही महसूस करते हैं ख़लिश दर्दे मुहब्बत की
जो अपने आप से बढ़कर किसी को प्यार करते हैं
- नमालूम

सय्याद आ गया

बिजली गिरी कभी-कभी सय्याद आ गया हमने तो चार दिन भी न देखे बहार के
- नमालूम


न दौलत से न दुनिया से

न दौलत से न दुनिया से न घर आबाद करने से
तसल्ली दिल को मिलती है ख़ुदा को याद करने से
- नमालूम

उड़ने लगे वजूद रेज़े

उड़ने लगे वजूद रेज़े हवा के साथ
मैं इस कदर खुलूस से बिखरी कभी न थी
- नमालूम

ऐसे रहा करो

ऐसे रहा करो कि करें लोग आरजू
ऐसे चलन चलो कि ज़माना मिसाल दे
- नमालूम

हर रोज सोचता हूँ

हर रोज सोचता हूँ तुम्हें भूल जाऊंमैं
लेकिन ये बात याद न आये तो क्या करूँ
- नमालूम

एक शख्स मेरे दिल

एक शख्स मेरे दिल में ऐसे उतर गया
जैसे वह जानता था मेरे दिल का रास्ता
- नमालूम

एक शख्स मेरे दिल

एक शख्स मेरे दिल में ऐसे उतर गया
जैसे वह जानता था मेरे दिल का रास्ता
- नमालूम

एक शख्स मेरे दिल

एक शख्स मेरे दिल में ऐसे उतर गया
जैसे वह जानता था मेरे दिल का रास्ता
- नमालूम

देखी गयी जो मुझसे

देखी गयी जो मुझसे न तारीकिये चमन
घबरा के मैंने अपना नशेमन जला दिया
- नमालूम

फिर न सिमटेगी

फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जाएगी
ज़िन्दगी जुल्फ नहीं है जो संवर जाएगी
- नमालूम

फिर न सिमटेगी

फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जाएगी
ज़िन्दगी जुल्फ नहीं है जो संवर जाएगी
- नमालूम

आज किसी की बातें

आज किसी की बातें सुनकर दिल में नश्तर टूट गए
ऊपर से खामोश रहे हम अन्दर अन्दर टूट गए
- नमालूम

हौसले जब बुलंद होते हैं

हौसले जब बुलंद होते हैं
बढ़के मंजिल सलाम करती है
- नमालूम

यही आंसू कभी बनता है

यही आंसू कभी बनता है मोती और कभी शबनम
कोई शय एक मरकज पर मगर हरदम नहीं रहती
- नमालूम

अहले जुनूं का साथ

अहले जुनूं का साथ कहाँ दे सकेंगे आप
आया नहीं है आप में दीवानापन अभी
- नमालूम

देखो बना के हमको

देखो बना के हमको भी गुलशन का बागवां
एक एक कली  के नाज़ उठाते रहेंगे हम
- नमालूम

तोड़ना दम रात

तोड़ना दम रात का शबनम का रोना देखकर
यूँ कली के होठों पे ऐसी हंसी आई की बस
- नमालूम

आतिशे फिक्र में

आतिशे फिक्र में अहसास जला है बरसों
तब कहीं जा के ये अंदाजे कलाम आया है
- नमालूम

अभी था रात का आलम

अभी था रात का आलम अभी सूरज निकल आया
इनायत उस हंसी ने अपनी जुल्फों को संवारा क्या
- नमालूम

Saturday, April 11, 2015

ये दर्पणों के बीच कहाँ रख दिया मुझे

दुनिया के वास्ते न तमाशा बना मुझे
यूँ ताश के महल की तरह मत गिरा मुझे
मंदिर के दिए तक मेरा एक रूप था
ये दर्पणों के बीच कहाँ रख दिया मुझे
- नमालूम

आईना देख क्या लिया मैंने

यूँ तो वो बेवफा नहीं लगता
पता किसी का नहीं लगता
आईना देख क्या लिया मैंने
अब कोई भी बुरा नहीं लगता
- नमालूम

प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा

प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहूँ
प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा
प्रेम होता है दिखता नहीं है मगर
प्रेम की ही धुरी पर ये होता है खड़ा
- नमालूम

बहती नदियों को खुद भी पता नहीं

इन पतंगों को देखो ये उड़ती यहाँ
जब कटेंगी तो गिरेंगी कहाँ
बहती नदियों को खुद भी पता नहीं
अपनी प्रियतम से मिलेंगी कहाँ
- नमालूम

दिल दिया है ऐतवार की हद थी

दिल दिया है ऐतवार की हद थी
जान दे दी ये प्यार की हद थी
मर मिटे आँखें खुली रहीं
ये इंतज़ार की हद थी
- नमालूम

तेरी जुल्फों से खेलूँगा मैं

तेरी जुल्फों से खेलूँगा मैं
तुझको बांहों में ले लूँगा मैं
दिल तो देते हैं आशिक सभी
जान भी तुझको दे दूंगा मैं
- नमालूम

तुम्हारा क्या है

तुम्हारा क्या है तुम अहदे वफ़ा करके मुकर जाओ
ज़माना बदगुमां होगा तो मुझसे बदगुमां होगा
- नमालूम


जब प्यार ही नहीं था

जब प्यार ही नहीं था तुम्हें हमसे फिर
चुपचाप हथेली पे मेरा नाम क्यूँ लिखा
- नमालूम

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी एक जुआ खाना है
हुस्न और इश्क यहाँ ताश लिए फिरते हैं
- नमालूम

तेरा इश्क राहते ज़िन्दगी है

तेरा इश्क राहते ज़िन्दगी है
तेरी याद मेरी बंदगी है
- नमालूम

तू जो बेताब है

तू जो बेताब है दिल बता तूने क्या देखा
किसका शैदाई है क्या तमाशा देखा
- नमालूम

तसव्वुर में चले आते

तसव्वुर में चले आते तुम्हारा क्या बिगड़ जाता
कुछ और नहीं बस तुम्हारा दीदार हो जाता
- नमालूम

क्या हुआ जो तू नहीं मिला

क्या हुआ जो तू नहीं मिला और बहुतेरे मेरे दर
पर चक्कर काटते पर मेरी ही रूह नहीं मानती
- नमालूम

रक्स करना है तो फिर

देख जिंदा से परे रंजे  -चमन , जोशे बहार
रक्स करना है तो फिर पाँव की जंजीर न देख
- नमालूम

दिल से मिलती तो है

दिल से मिलती तो है एक राह कहीं से आकर
सोचता हूँ ये तेरी राह गुजर है कि नहीं
- नमालूम 

मुझसे हल हो गयीं मंजिलें

मुझसे हल हो गयीं मंजिलें , वो हवा के रुख भी बदल गए
तेरा हाथ , हाथ में आ गया कि चिराग राह में जल गए
- नमालूम

पागल करना पागल होना

पागल करना पागल होना
इक दिन हँसना , इक दिन रोना
दीवानों का काम है
प्यार इसी का नाम है
- नमालूम

थाम के बैठे हुए हैं

थाम के बैठे हुए हैं
रेत की दीवार इक
तेज कोई हवा का झोंका
कब किधर से आ जाये
- नमालूम

हजार बार लबों पे सजायेंगे उसको

हजार बार लबों पे सजायेंगे उसको
जो वो ग़ज़ल है तो हम गुनगुनायेंगे उसको
कहाँ है प्यार की जन्नत अगर वो पूछेगी
हम अपने दिल का गरेबां दिखायेंगे उसको
- नमालूम

अक्स इन आँखों में आकर रह गया

अक्स इन आँखों में आकर रह गया
तसव्वुर तेरा दिल पे छा कर रह गया
छाई होगी उस तरफ ख़ुशी हर सू
इस तरफ तो ग़म ही बाकी रह गया
- नमालूम

रंग इतने कच्चे नहीं

रंग इतने कच्चे नहीं
इतनी जल्दी जो छूट जायेंगे
कशिश होगी जब भी इधर
वह खुद ही चले आयेंगे
- नमालूम

देख लो आवाज़ देकर पास अपने पाओगे

देख लो आवाज़ देकर पास अपने पाओगे
आओगे तन्हा मगर तन्हा नहीं तुम जाओगे
बेवफाई भी करो तुम तो भी हम कुछ न कहेंगे
हम न वादे से फिरेंगे तुम मगर फिर जाओगे
- नमालूम 

हम इतने खुशनसीब कहाँ

हम इतने खुशनसीब कहाँ
जो तुम्हें पाएंगे
हम तो ये सोचकर खुश हैं
कि कभी तुम्हें भुला न पाएंगे
- नमालूम

ऐ ख़ुदा अपने दरबार में

ऐ ख़ुदा अपने दरबार में
मेरी दुआ क़ुबूल करना
मैं खुश रहूँ न रहूँ
मेरे यार को हमेशा खुश रखना
- नमालूम

दूर रहने से क्या

दूर रहने से क्या दिल भी दूर हुआ करते हैं दूर वो ही होते हैं जो मजबूर हुआ करते हैं
- नमालूम

फूल की हर कली

फूल की हर कली खिली नहीं होती
इंसान की हर तमन्ना पूरी नहीं होती
- नमालूम

छाई है बदली

छाई है बदली तो बरसात भी होगी
रब ने चाहा तो मुलाक़ात भी होगी.
- नमालूम

ख़ुदा तेरे दर पे

ख़ुदा तेरे दर पे खड़ा होकर फ़रियाद करता हूँ
उन्हें खुश रखना जिन्हें मैं याद करता हूँ
- नमालूम

न गिला करता हूँ

न गिला करता हूँ न शिकवा करता हूँ
आप हमें न भूलें बस यही दुआ करता हूँ
- नमालूम

दिल की आवाज़

दिल की आवाज़ का इतना तो असर हो जाए
हम उन्हें याद करें और उनको खबर हो जाए
- नमालूम 

तुम्हारे सिवा

तुम्हारे सिवा मैं किसका दीदार कर लूँ
सामने आ जाओ तो जी भर के प्यार कर लूँ
- नमालूम

झूमकर चूमती रहें

झूमकर चूमती रहें खुशियाँ तेरे कदम
भूलकर भी न आये तेरी ज़िन्दगी में कोई ग़म
- नमालूम

तेरे-मेरे रिश्ते

तेरे-मेरे रिश्ते को क्या नाम दूँ
इस अविरल धारा को कैसे विराम दूँ
चाहता हूँ तुझे कितना कैसे बता दूँ 
- नमालूम

दिल में जज़्बात की

दिल में जज़्बात की इक आग लगाए रखना
उम्र भर नींद को आँखों से उडाए रखना
- नमालूम

सबक ऐसा पढ़ा दिया तुमने

सबक ऐसा पढ़ा दिया तुमने
दिल का सब कुछ भुला दिया तुमने
- नमालूम

हमें क्या मिटाएगी

हमें क्या मिटाएगी गर्दिश जमाने की
हमें तो आदत है ग़म में ही मुस्कुराने की
- नमालूम

लब से शबनम

लब से शबनम चुराने की इजाज़त दे दो
ख्वाब आँखों में सजाने की इजाज़त दे दो
बिखरी जुल्फों को सजाने की इजाज़त दे दो
- नमालूम

हर काम को ये दुनिया

हर काम को ये दुनिया अंजाम देती है
पाक मुहब्बत को ये गन्दा नाम देती है
- नमालूम

इस दुनिया में

इस दुनिया में कब किसी का प्यार पूरा होता है
हो भी कैसे उसका पहला अक्षर ही अधूरा होता है
- नमालूम

जेब व जीनत से

जेब व जीनत से न खुद को संवारा कीजिए
इल्म के आईने में खुद को निहारा कीजिए
- नमालूम

प्यार एक पूजा है

प्यार एक पूजा है इसे बदनाम मत करना
तुम प्यार किसी से भी करना
लेकिन मजाक मत करना
- नमालूम

साथ न दिया यार ने

साथ न दिया यार ने
साथ छोड़ दिया यार ने
यार तुझे मैं याद करता हूँ
आजा बुलाया है यार ने
- नमालूम 

मांगता है रौशनी सूरज

मांगता है रौशनी सूरज
समंदर भी प्यासा है
चांदनी चाहिए है चाँद को
दिल मेरा अब दर्द मांगता है
- नमालूम 

तुमसे ज्यादा तो दर्द से

तुमसे ज्यादा तो दर्द से प्यार हो गया है
तुझसे न सही दर्द से तो इज़हार हो गया है
जुदाई इतनी सही कि हँसना भूल गया मैं
- नमालूम

Friday, April 10, 2015

मुहब्बत कम नहीं होती

पत्ती पे गिरी शबनम से पत्ती नाम नहीं होती
दूरियां लाख हों मुहब्बत कम नहीं होती
- नमालूम

कागज़ पे उतारा है

दिल के दर्द को कागज़ पे उतारा है
मेरा सनम बेवफा ही सही पर प्यारा है
- नमालूम  

तेरी याद हो तो हो

अब दिल में क्या रहा है तेरी याद हो तो हो
ये घर इसी चिराग से आबाद हो तो हो
- नमालूम

जो तुझ पे बस नहीं

जो तुझ पे बस नहीं खुद पे ये इख्त्यार तो है
तेरा ख्याल जब आया उदास हो लेंगे

- नमालूम

इतना गुम हो के

इतना गुम हो के तुम आइना देखा न करो
अपने चेहरे में किसी और को ढूँढा न करो
- नमालूम

आँखें ग़ज़ल हैं

आँखें ग़ज़ल हैं आपकी और होंठ हैं गुलाब
सारे जहाँ में आपका कोई नहीं जवाब
- नमालूम

Thursday, April 9, 2015

न जाने कौन सी मंजिल पे

न जाने कौन सी मंजिल पे आ पहुंचा है प्यार अपना
न हमको ऐतवार अपना न उनको ऐतवार अपना
- नमालूम

प्यार का ख्वाब हो तुम

प्यार का ख्वाब हो तुम
मेरी निगाहों में रहो
बनके धड़कन दिल की
दिल की पनाहों में रहो
-नमालूम

जो कभी रोते थे

जो कभी रोते थे आने को मेरी बांहों में
आज खुश हैं वो किसी अजनबी की बांहों में
मुझे ख़ुशी है कि सनम खुश है मेरा
मेरी न सही किसी और की बांहों में
- नमालूम

आँखों की नींद आँखों से चुरायी है

आँखों की नींद आँखों से चुरायी है
दिल का चैन दिल से है छीना
गर जुदा हो गयी तुम जो मुझसे
कसम तेरी अब मुझे नहीं जीना
- नमालूम

गीत स्वयं का हो तो गाना बहुत सरल है

गीत स्वयं का हो तो गाना बहुत सरल है
जितना अपनों को अपनाना बहुत सरल है
कभी दूसरे को तुम हराकर तो देखो
अपने घर का दीपक जलाना बहुत सरल है
- नमालूम

न दिन को सुकून है

न दिन को सुकून है शाकिर
न रात को सुकून है
ये कैसा हम पे उम्र इश्क़ का जुनून है
जो रचाए हैं तूने हाथ मेंहदी से
वो मेंहदी नहीं मेरे दिल का खून है
- नमालूम

ज़िन्दगी की तरह

जिनको चाहा था ज़िन्दगी की तरह
अब वो मिलते हैं अजनबी की तरह
- नमालूम

मुझे दर्दे दिल दे के न बेकरार करना

मुझे दर्दे दिल दे के  न बेकरार करना
मेरे बस का अब नहीं है तेरा इंतज़ार करना
लेकिन,
अब मेरी इन्हें तलब है
मेरी राह तक रहे हैं
अब उन्हें पड़ रहा है मेरा इंतज़ार करना
शबे ग़म की रात मुझसे न पूछ मेरे हमदम
करवटें बदलना कभी जिक्रे यार करना

- नमालूम

हो तेरे बिना नींद नहीं आतियाँ

हो तेरे बिना नींद नहीं आतियाँ
सारी रात लेवा अंगड़ाईयां
कितना सताया हमें नूं,
ओ मेरे राझनां
कि जैसे तन्हाईयाँ
हो तेरे बिना नींद नहीं आतियाँ
सारी  रात लेवा अंगड़ाईयां

- नमालूम

ये कैसी कसक तुमने

ये कैसी कसक तुमने इस दिल को लगायी है
जिसने भी हमें लूटा जी भर के दुआ पायी है
मेरे जाने जां , मेरी ज़िन्दगी के मालिक !
इक बार तुम्हें देखा , सौ बार दुआ दी है
जो दर्द करे दिल में , दिल फिर भी उसे चाहे
ये इश्क भी कुदरत ने क्या चीज बना दी है
बीमार मेरा दिल था , ये उसने किया ऐसा
जुल्फों की हवा देकर आँखों से पिला दी है

- नमालूम

न हम कुछ हंस के सीखे हैं

न हम कुछ हंस के सीखे  हैं
न हम कुछ रो के सीखे हैं
जो कुछ थोड़ा सा सीखे हैं
किसी के हो के सीखे हैं
- नमालूम

न ही इनकार करते

न ही इनकार करते
न देते इकरार की दुहाई
यह कैसी मुहब्बत है
न  मिलन है, न ही जुदाई
- नमालूम

मुहब्बत एक

मुहब्बत एक
नाजुक सा खिलौना है
टूट गया
फिर रोना ही रोना है
- नमालूम

जीवन और मरण

जीवन और मरण दोनों में
केवल इतना ही अंतर है
जीवन दिन का कोलाहल है
मरण निशा का शान्ति प्रहर है
- नमालूम

शहीदों की चिताओं पर

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा
- नमालूम

राह तकना तारे गिनना

राह तकना तारे गिनना सादिक काम हमारा है
आज मगर क्या बात है तुम भी जागे-जागे लगते हो
- नमालूम

जिस्म मुझे दे के मिट्टी का

जिस्म मुझे दे के मिट्टी का , शीशे का दिल क्यूँ बनाया
और उस पे दी है फितरत कि वो करता है मुहब्बत
- नमालूम 

मिट्टी पे खींची लकीरें

मिट्टी पे खींची लकीरें रब ने तो ये तस्वीर बनी
आग, हवा , पानी को मिलाया तो फिर ये तस्वीर सजी
- नमालूम

बेजान दिल

बेजान दिल को तेरे इश्क ने जिन्दा किया
फिर तेरे इश्क ने ही इस दिल को तबाह किया

- नमालूम

मैं जब भी खो जाता हूँ

मैं जब भी खो जाता हूँ उसके ख्यालों में
ऐसे में वो भी बात करे तो बुरा लगे
- नमालूम 

लगी आज सावन की

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
वही आग सीने में फिर जल पड़ी है
- नमालूम

तेरे मेरे बीच में

तेरे मेरे बीच में कैसा बंधन , हम दोनों अनजान
तेरे अन्दर मेरी जान, मेरे अन्दर तेरी जान
- नमालूम

हम चाहते हैं

हम चाहते हैं सिर्फ तुम्हें
अब साथ निभाने से इनकार मत करना

- नमालूम

हयात कुछ भी नहीं

हयात कुछ भी नहीं इक सफ़ेद चादर है
जो हो सके तो इसे दागदार मत करना
- नमालूम 

पलट के देखना

पलट के देखना बेशक गए ज़माने को
मगर जमाने की यादों से प्यार मत करना

- नमालूम 

सभी सरल है यहाँ

सभी सरल है यहाँ, सादगी से रहते हैं
तुम आए हो तो ज्यादा श्रंगार मत करना
- नमालूम

टपकती छत

टपकती छत भी तो होती है बारिशों का मजाक
जरा-सी बात है दिल सोगवार मत करना
- नमालूम 

सितारे तोड़कर

सितारे तोड़कर लाया नहीं कोई अब तक
कि इस फरेब पे तुम ऐतबार मत करना
- नमालूम

नदी का जल हूँ

नदी का जल हूँ कभी लौटकर न आऊंगा
मैं जा रहा हूँ , मेरा इंतजार मत करना
- नमालूम

बस एक काम मेरे जांनिसार मत करना

बस एक काम मेरे जांनिसार मत करना
अगर हो रंज तो पीछे से वार मत करना
- नमालूम

उसका सनम

उसका सनम उसे ले जाएगा अपने साथ
पर अजनबी यूँ ही देखता रहेगा
- नमालूम

युद्ध हुआ

युद्ध हुआ तो खाने वाले नहीं रहेंगे
होटल की मेजों पर खाना लगा रहेगा
- नमालूम

हम लोगों के

हम लोगों के पैरों की औकात यही है
फटा हुआ जूता सिलवाना लगा रहेगा
- नमालूम

मेरे हाथ परीशां होकर

मेरे हाथ परीशां होकर पूछ रहे हैं
कब तक लोहे का दस्ताना लगा रहेगा
- नमालूम

माली चाहे

माली चाहे छुट्टी लेकर घर जा बैठे
फूलों का खिलना -मुरझाना लगा रहेगा
- नमालूम 

लाख नए

लाख नए कपड़े पहनूं लेकिन ये सच है
मेरे पीछे दर्द पुराना लगा रहेगा

- नमालूम

मैं कहता हूँ

मैं कहता हूँ मेरा कुछ अपराध नहीं है
मुंसिफ कहता है जुरमाना लगा रहेगा

- नमालूम

बुरे दिनों का आना जाना

बुरे दिनों का आना जाना लगा रहेगा
सुख और दुःख का ताना -बाना लगा रहेगा
- नमालूम

आकाश को थी हसरत

आकाश को थी हसरत उसको लपक के रख ले
जिस गेंद को वो बालक ऊंचा उछालता था
- नमालूम

चीजों के भाव

चीजों के भाव बढ़ते जिस रोज मंडियों में
मुफलिस पिता अजब था बच्चों को मारता था
- नमालूम

तुम चैन से

तुम चैन से पड़े थे जब घर में बिस्तरे पर
इक बेसहारा बालक पटरी पे काँपता था

- नमालूम

शायद डरा हुआ था

शायद डरा हुआ था पत्थर के उस शहर में
शीशे का एक टुकड़ा मुझको पुकारता था

- नमालूम

उसकी फटी कमीजें

उसकी फटी कमीजें इस दर्द का बयां थीं
तनखाह से कितने मुश्किल वो दिन गुजारता था

- नमालूम

उस डायरी

उस डायरी को जाने किसने चुरा लिया है
मेरे दोस्तों का जिसमें घर का पता लिखा था

- नमालूम

रोजाना एक चिड़िया

रोजाना एक चिड़िया तिनकों  से घर बनाती
रोजाना उसके घर को मैं भी उजाड़ता था

- नमालूम

बेशक थी बात छोटी

बेशक थी बात छोटी पर हादसा बड़ा था
आइना मुझसे मेरी पहचान मांगता था

- नमालूम

Tuesday, April 7, 2015

दिल को तेरी तस्वीर से

दिल को तेरी तस्वीर से बहलाए हुए हैं
इस घर में हम एक चाँद को चमकाए हुए हैं

- नमालूम

ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल

ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो
अपना, पराया, मेहरबां, न मेहरबां कोई न हो
- नमालूम

पलकों से तेरे काँटों को

चुन दूँगी पलकों से तेरे काँटों को
हर क़दम पे सहारा दूंगी अपनी बांहों से

- नमालूम

तू लिख दे मेरे दिल पर

तू लिख दे मेरे दिल पर
मैं लिख दूँ तेरे दिल पर
- नमालूम

ह्रदय बिना दीप

ह्रदय बिना दीप
भावनाएं बनी स्नेह
शब्द बाती  बन गए
जली खुशियों की लौ
इस दीप को
नैनों की थाली में सजाकर
मैं करता हूँ अभिनन्दन !!

- नमालूम

नज़र ये हमारी न लग जाए तुमको

नज़र ये हमारी न लग जाए तुमको
यही सोचकर तुमको कम देखते हैं
अगर देखना है तो जी भर के देखो
कभी फिर न ये कहना कि कम देखते हैं

- नमालूम

खुद बनकर मुझे बना दो

खुद बनकर मुझे बना दो
खुद संवरकर मुझे संवार दो
तुम्हारा उत्साहित चेहरा मुझे
कुछ करने के लिए प्रेरित करता है

- नमालूम

एक अंकुर

तूने कष्ट सह मुझे पाला पोसा बड़ा किया
एक अंकुर या अबोध को तरु बनाकर खड़ा किया
- नमालूम

माँ इच्छा यही है जीवन की

माँ इच्छा यही है जीवन की
उम्र भर कि तेरा प्यार मिले
मर जाऊं  अगर मैं तो अर्थी को
तेरे हाथों से ही श्रृंगार मिले

- नमालूम


अनगिनत रंग

अनगिनत रंग अनगिनत पिचकारी मन की अनगिनत साधे क्यारी
जब तुम ही मेरे पास नहीं
तो मैं किस चूनर पर रंग डालूं

- नमालूम

हम उनकी बज्म में नज़रें झुकाए बैठे हैं

हम उनकी बज्म में नज़रें झुकाए बैठे हैं
बात यह है कि बिन बुलाये बैठे हैं
यह हम हैं कि पलक तक नहीं गिरने देते
वो आप हैं कि बिजलियाँ गिराए बैठे हैं
हम आह कर मुहब्बत को क्यों करें बदनाम
जिगर की आग जिगर में छुपाये बैठे हैं
- नमालूम 

नया वर्ष

नया वर्ष
नयी उम्मीदों
नयी तैयारियां
नयी शुरुआत के नाम
पराजय की घडी में भी
विजय के स्वप्न के नाम
लगातार लड़ते रहने की जिद के नाम
संकल्पों के नाम
जीवन
संघर्ष और सृजन के नाम
- नितिन जैन 

गुस्से में तुमने

गुस्से में तुमने जो प्यार भरा इज़हार किया
ओ, आखिर तुमको आ ही गया अंदाज़ प्यार जताने का
- नमालूम 

आजकल कुछ भी

आजकल कुछ भी समझने का जी नहीं चाहता
बस तेरे पहलू में आने को जी चाहता है
- नमालूम 

प्यार के हद से

प्यार के हद से आगे निकल आयें हम
आ मुहब्बत को कोई नया नाम दें
- नमालूम

तुमको है मेरी कसम

तुमको है मेरी कसम जाओ न मेरे सनम
आ के अगर जाओगे तो मर जायेंगे हम सनम
- नमालूम 

हम उनके वो हमारे

हम उनके वो हमारे ख्वाबों में चले जाते हैं
इस तरह मुहब्बत के और अंदाज बदल जाते हैं

- नमालूम

Monday, April 6, 2015

अब तो घबरा के

अब तो घबरा के ये कहते हैं मर जायेंगे
मर कर भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे

- नमालूम

मिलने का वादा

मिलने का वादा , उनके मुंह से तो निकल गया
पूछी जगह जो मैंने, कहा हंस के , ख्वाब में
- नमालूम

फूल ऐसी चीज है

फूल ऐसी चीज है जो हाथों से बनती नहीं
तू ऐसी चीज है जो आँखों से हटती नहीं
- नमालूम

हम तुम्हारे हैं

I Promise to yoy !
हम तुम्हारे हैं
क्या तुम हमारे हो ?
- नमालूम

खूबसूरत सही

खूबसूरत सही
संगमरमर से तराशा ताजमहल
दिल की हसरत भी
तो एक ताजमहल है
- नमालूम

तूने कहा मान लिया मैंने

तूने कहा मान लिया मैंने
घर को बेच बाज़ार किया मैंने
बेच कर साड़ी उमंगों को
तुझे जरदार किया मैंने
- नमालूम

हर खिलौना टूटना एक दिन

हर खिलौना टूटना एक दिन
हर कलि को फूटना है एक दिन
क़ैद कितनी भी करो तुम ज़िन्दगी
हर उम्र को रूठना है एक दिन
- नमालूम

किस नाज़ से चंचल आँखों में

किस नाज़ से चंचल आँखों में
बैठी है शरारत घुलमिल के
रातों की जवानी डूब गयी
नैनों के सजीले काजल में
- नमालूम

बरसात की रुत है

बरसात की रुत है जुल्फों में
बिजली का कहर है आँचल में
घूंघट में यह गोरा मुखड़ा है
या चाँद छिपा है बादल में
- नमालूम

आपने वादा किया था

आपने वादा किया था मिलेंगे ख्वाब में
उम्र भर सोयेंगे आपके इंतज़ार में
- नमालूम

ख़ुदा तुम्हें हर बुरी नज़र से बचाए

ख़ुदा तुम्हें हर बुरी नज़र से बचाए
तुम्हारी ज़िन्दगी में कभी ग़म न आये
हर पर मसर्रत का पैगाम लाये
जहाँ जाओ हमारी दुआ साथ जाए
न ख़त्म हो तुम्हारी ख़ुशी का खज़ाना
तुम्हारे लव कभी न भूलें मुस्कुराना

- नमालूम

अबकी सावन में मेरे साथ ये बात हुयी

अबकी सावन में मेरे साथ ये बात हुयी
मेरे घर छोड़ सारे शहर में बरसात हुयी
क्या बताऊँ सफ़र में गुजरी है कैसे
जहाँ था लुटेरों का गाँव वहीँ रात हुयी
- नमालूम

दिल को जरा सा आराम देंगे

दिल को जरा सा आराम देंगे
आज नहीं हम तेरा नाम लेंगे
ओ याद जो आएगी तेरी तो
बेचैन दिल को हम थाम लेंगे
माना कहीं चैन आता नहीं
बेताबी कोई मिटाता नहीं
वादा किया है हमने ली है कसम
आने न देंगे तेरी यादों को हम
हम दुआ ये करते हैं
तू सदा ही मुस्काए जा
अपनी प्यारी सी दिलरुबा को रुलाये जा

- नमालूम

मेरे जनाजे के पीछे

मेरे जनाजे के पीछे सारा जनाजा निकला
मगर वो न निकले जिनके पीछे जनाजा निकला
- नमालूम

चाँद हो तुम नीलगगन के

चाँद हो तुम नीलगगन के
पास रहूँगा तेरे तारा बन के
पास मेरे हर पल रहना
दूर कहीं न जाना
- नमालूम

दो प्रेमियों

दो प्रेमियों के न मिलने से
ये संसार अधूरा रहता है
- नमालूम

जिस दिन प्यार बना है

जिस दिन प्यार बना है
उस दिन से संसार बना है
- नमालूम

साजन जब तू

साजन जब तू और कहीं था
इस दुनिया में कुछ नहीं था
- नमालूम 

इस झूठी दुनिया में

इस झूठी दुनिया में तू ही सच्चा लगता है
तुझसे मिलकर चलना अच्छा लगता है
- नमालूम

ख़त से नहीं जी भरता है

ख़त से नहीं जी भरता है अब ऐसे न सताया करो
दिल करता है अब ख़त के बदले तुम आ जाया करो
- नमालूम

मिलते तो हैं कई यार

मिलते तो हैं कई यार
पर मिलता है कोई ऐसा यार
जो ला देता है जीवन में बहार
- नमालूम

ओ मेरे ख्वाबों में आने वाले

ओ मेरे ख्वाबों में आने वाले
ओ सारी रात जगाने वाले
ओ मेरी नींद चुराने वाले तेरा शुक्रिया
ओ मेरा चैन चुराने वाले तेरा शुक्रिया
दर्द नहीं था जब सीने का
ख़ाक मज़ा था जीने का

- नमालूम

तुम्हारी वो कोयल सी आवाज़

तुम्हारी वो कोयल सी आवाज़
चाल्ने पर घुंघरुओं की बरसात
वह चेहरे पर भीगी मुस्कान
और होठों पर किसी का नाम
दिल को लगा जैसे आसमां की परी हो तुम
अरे परी नहीं वास्तव में अप्सरा हो तुम
तेरे हुस्न के जादू में फंस गए सब
पता नहीं तेरे होठों पर नाम किसका होगा अब
- नमालूम  

कहाँ से आये तुम मेरी ज़िन्दगी में

कहाँ से आये तुम मेरी ज़िन्दगी में
क्या पता आसमां से या जमीं से
आये होते न तुम इस जमीं पर कभी
समझ न पाते इस ज़िन्दगी को कभी

क्या होती है ज़िन्दगी जाने आज हम
तुम्हें खोकर जाने बस यही है आज ग़म
लगता है हमें तुम्हें खोकर अभी
कोई प्यार करे न राहगीरों से कभी
- नमालूम

Sunday, April 5, 2015

दिल से निकली है आह

दिल से निकली है आह किसी ने मुझे पुकारा है
यकीं है मुझे कि ये दिल तुम्हारा है
गर हम न होते इस लायक कभी
गर तुमने देखा न होता अभी
अभी-अभी तो ये मन में ख्याल आया है
जाने कहाँ से मैंने ऐसा दिल पाया है
देख तुझको गर न घायल होता में कभी
तो इस कहानी में कोई शामिल न होता अभी

- नमालूम

आँखों के काजल से

आँखों के काजल से ओ मेरे सनम
दिल पर मेरे लिख दे अपना नाम
- नमालूम


रातें गुजरती हैं

रातें गुजरती हैं सारी रात जाग-जाग के
- नमालूम

एक दूसरे के वास्ते

एक दूसरे के वास्ते हम बने साजना
- नमालूम

दिल है मेरा

दिल है मेरा लेकिन धड़कन है तेरी
- नमालूम

दुनिया नज़ारे न फूलों का खिलना

दुनिया नज़ारे न फूलों का खिलना
अच्छा लगता है बस तुमसे मिलना
- नमालूम

शिकवा करूँ या शिकायत करूँ

शिकवा करूँ या शिकायत करूँ
पर मैं तुझी से मुहब्बत करूँ
नफ़रत करूँ या बग़ावत करूँ
पर मैं तुझी से मुहब्बत करूँ
- नमालूम

ये मिला इश्क में मिटने का नतीजा मुझको

ये मिला इश्क में मिटने का नतीजा मुझको
याद करती है पागल कह के दुनिया मुझको
अब न हसरत है कोई
और न तमन्ना मुझको
मिल गए आप तो बस मिल गया सब मुझको
- नमालूम

तुमसे मिले बिन चैन नहीं आता मैं क्या करूँ

तुमसे मिले बिन चैन नहीं आता मैं क्या करूँ
मुझे तो ये कहना भी नहीं आता मैं क्या करूँ
मुश्किल से मैंने इस दिल को संभाला
दिल ने मुझे किस मुश्किल में डाला
ये मुश्किल आसान नहीं होती क्या करूं

दिल में बसा हो जब और कोई
चलता नहीं दिल पर जोर कोई
इस साहिल से तूफां नहीं रुकते मैं क्या करूँ
- नमालूम

दिल की कलम से हम तुम लिखेंगे

दिल की कलम से हम तुम लिखेंगे
प्यार मुहब्बत का ये अफसाना
बरसों से जिसको हम गा रहे हैं
पल दो पल का गीत नहीं है
- नमालूम 

तू मुझे चाहे न चाहे

तू मुझे चाहे न चाहे तेरे बस में तो है
मैं तुझे न चाहूं ये मेरे बस में नहीं
- नमालूम

प्यार में इतनी शर्तें

प्यार में इतनी शर्तें कौन रखेगा याद
क्या शादी के पहले क्या शादी के बाद
- नमालूम 

तू प्यार का सागर है

तू प्यार का सागर है
तेरी एक बूँद के प्यासे हम
- नमालूम

जाने क्या हुआ दिल में

जाने क्या हुआ दिल में , तेरे मिलने के बाद
इक झोंका चला और खुशबु उड़ी
प्यार के फूल खिलने के बाद
- नमालूम 

तू पसंद है किसी और की

तू पसंद है किसी और की
तुझे मांगता कोई और है
तू प्यार है किसी और का
तुझे चाहता कोई और है
- नमालूम

इश्क करोगे तो दर्द मिलेगा

इश्क करोगे तो दर्द मिलेगा
दर्द बड़ा तड़पायेगा
इश्क किया है इश्क करेंगे
चाहे दर्द मिले या मौत
- नमालूम

हजारों साल

हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से पैदा होता है चमन में दीदावर पैदा
- नमालूम

उनसे कह दो

उनसे कह दो रंज ग़म पैदा न करें
राहों में चलें फूलों को रौंदा न करें
झूठ बोलेन मगर झूठ का सौदा न करें
- नमालूम

मेरे जाने के बाद

मेरे जाने के बाद
अफ़सोस बयां होंगे
बहारें हमको ढूंढेंगी
न जाने हम कहाँ होंगे
- नमालूम

दिल एक मंदिर है

दिल एक मंदिर है
उसकी मूरत हो तुम
हाय मेरे दोस्त
कितने खूबसूरत हो तुम
- नमालूम

मुहब्बत कर के देखा है

मुहब्बत कर के देखा है
मुहब्बत एक धोखा है
मुहब्बत करने वालों को
सदा रोते ही देखा है
- नमालूम

Saturday, April 4, 2015

तुम मुझे चाहो न चाहो

तुम मुझे चाहो न चाहो
उसका कोई ग़म नहीं
दूसरा पहलू  में आये
तो गज़ब हो जायेगा
- नमालूम

भूल के कह दो

भूल के कह दो
एक बार दीवाना मुझे
ज़िन्दगी भर की मुहब्बत
का सिला मिल जायेगा
- नमालूम

दिल कोई खिलौना नहीं है

दिल कोई खिलौना नहीं है
जो टूटकर जुड़ जायेगा
तोड़ने वाला सितमगर
बेवफा कहलायेगा
- नमालूम

बिगड़ तकदीर जब जाती है

बिगड़ तकदीर जब जाती है
न तदवीर चलती है
मित्र भी शत्रु हो जाते हैं
जब तकदीर बदलती है
- नमालूम

मैंने हर ग़म को ख़ुशी में ढाला है

मैंने हर ग़म को ख़ुशी में ढाला है
मेरा हर चाल चलन निराला है
लोग जिन हादसों से डरते हैं
मुझे उन हादसों ने पाला है
- नमालूम

वह पथ क्या पथिक कुशलता क्या

वह पथ क्या पथिक कुशलता क्या
जिस पथ में बिखरे शूल न हों
नाविक की धैर्य कुशलता क्या
यदि धाराएँ प्रतिकूल न हों
- नमालूम

बाधाएं कब बाँध सकी हैं

बाधाएं कब बाँध सकी हैं
आगे बढ़ने वालों को
विपदाएं कब रोक सकती हैं
मरकर जीने वालों को
- नमालूम

ईश्वर के हर घर में

ईश्वर के हर घर में
यही फ़रियाद करता हूँ
तुम उसे खुश रखना
जिसे मैं याद करता हूँ
- नमालूम

तुम मुझे भुलाकर तो देखो

तुम मुझे भुलाकर तो देखो
हर ख़ुशी तुमसे रूठ जाएगी
जब कभी सोचोगे अपने बारे में
तो मेरी ही याद आएगी
- नमालूम

मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं

मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं
स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं
हौसला मत हार गिरकर ओ मुसाफिर
ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं
- नमालूम

हाल उसका क्या होगा

हाल उसका क्या होगा
यही ग़म सताता है
नींद भी नहीं आती
दर्द बढ़ता जाता है
- नमालूम

मैं ज़िन्दगी को देता रहा अपना खूने दिल

मैं ज़िन्दगी को देता रहा अपना खूने दिल
खुद मेरी ज़िन्दगी ने मगर क्या दिया मुझे
मेरे ही ख्वाब मेरे लिए ज़हर बन गए
मेरे ही तसव्वुरात ने डस लिया मुझे
- नमालूम

मसर्रत पे रिवाजों का लगा सख्त पहरा है

मसर्रत पे रिवाजों का लगा सख्त पहरा है
न जाने कौन सी उम्मीद पे दिल ठहरा है
तेरी आँख से छलकते हुए इस ग़म की कसम
ऐ दोस्त परमा से दर्द का रिश्ता बहुत गहरा है
- नमालूम

ज़िन्दगी एक किराये का घर है

ज़िन्दगी एक किराये का घर है
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब तुझको आवाज़ देगी
घर से बाहर निकलना पड़ेगा
- नमालूम

दिल लगाना न दिल्लगी के लिए

दिल लगाना न दिल्लगी के लिए
ये इबादत है ज़िन्दगी के लिए
ये किसी एक का नहीं यारो
ये इनायत है हर किसी के लिए
मेरा हर लफ्ज़ है सजदे के लिए
मेरी हर सांस है बंदगी के लिए
- नमालूम

चाँद तन्हा है आसमां तन्हा

चाँद तन्हा है आसमां तन्हा
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा
क्या ज़िन्दगी इसी को कहते हैं
जिस्म तन्हा और जन तन्हा
- नमालूम

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता धज्जी-धज्जी रात मिली

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता धज्जी-धज्जी रात मिली
जिसका जितना आँचल था उतनी ही सौगात मिली
जब चाहा हमको समझे हंसने की आवाज़ मिली
जैसे कोई कहता हो जा 'परमा' फिर से तुझको मात मिली
- नमालूम

कुछ तो दुनिया की इनायत ने रोने न दिया

कुछ तो दुनिया की इनायत ने रोने न दिया
और कुछ तल्खिये हालात ने रोने न दिया
हम तो समझे थे कभी तो बदलेंगे हालात
जब बदले हालात तो जज़्बात ने रोने न दिया

- नमालूम

बनने चले थे क्या और क्या-क्या बना बैठे

बनने चले थे क्या और क्या-क्या बना बैठे
कहीं मंदिर बना बैठे- कहीं मस्जिद बना बैठे
अरे हमसे तो अच्छे ये परिंदे हैं
जो कभी मंदिर में जा बैठे कभी मस्जिद में जा बैठे
- नमालूम

दोस्त मुश्किल में काम आते हैं

दोस्त मुश्किल में काम आते हैं मुझे इस एतवार ने मारा
चन्द झूठी तसल्ली देकर एक जाने बहार ने मारा
- नमालूम

ऐ दोस्त एतवार पर ही दुनिया टिकी है

ऐ दोस्त एतवार पर ही दुनिया टिकी है
यकीन रखो तुम्हारी इस दोस्ती से मुझे बेहद ख़ुशी मिली है
- नमालूम

ए दोस्त लगता है

ए दोस्त लगता है तुम एतवार न रख पाओगे
लेकिन याद रखना ठोकर मार कर भी तुम न भुलाये जाओगे
- नमालूम

दोस्ती है अनमोल शमा

दोस्ती है अनमोल शमा , इसे जलाये रखना
इश्क और नयी दोस्ती पर इसको तुम सजाये रखना
- नमालूम

है ग़मों के सख्त पहरे

है ग़मों के सख्त पहरे मेरी हर ख़ुशी के पीछे
वो अभी से पड़ गए हैं मेरी ज़िन्दगी के पीछे
- नमालूम

गुजरे हैं हम

गुजरे हैं हम ज़िन्दगी के उस मुकाम से
नफ़रत सी हो गयी है मुहब्बत के नाम से
- नमालूम

न मौजें न तूफ़ान

न मौजें न तूफ़ान न साहिल
मगर मेरी कश्ती बही जा रही है
- नमालूम

ओ बेनसीब !

ओ बेनसीब ! हश्र के वादों का हश्र देख
वो रफ्ता-रफ्ता वादा फरामोश हो गए
- नमालूम

बुरा ये वक़्त जो आया है गुजर जाएगा

बुरा ये वक़्त जो आया है गुजर जाएगा
कौन कहता है ये गुलिस्तां बिखर जायेगा
लहू से सदा हँसते हुए इसे सींचा हमने
हमें यही है ये फिर भी सम्हल जायेगा
- नमालूम 

जो नगमे तेरी यादों में हमने गाये

जो नगमे तेरी यादों में हमने गाये
किरन बनके फूटे घटा बनके छाये
मुहब्बत जिसे सब समझते हैं जख्म
है जन्नत भी लेकिन जिसे रास आये
- नमालूम 

मिला न चैन हमें आह पुर असर न हुयी

मिला न चैन हमें आह पुर असर न हुयी
यहाँ तो लुट गयी दुनिया उन्हें खबर न हुयी
शबे फिराक में ओ मुझसे रूठने वाले
कोई भी रात मेरी चैन से गुजर न हुयी
- नमालूम

वक़्त आता है गुजर जाता है

वक़्त आता है गुजर जाता  है
आदमी अपनी मंजिल पे ठहर जाता है
एक बिगड़ी हुयी किस्मत पे न हँसना ए दोस्त
क्या ख़बर कब कोई इंसान संवर जाता है
- नमालूम

कुछ दिन कटे ग़म में

कुछ दिन कटे ग़म में कुछ खुशी के साथ
होता रहा मजाक मेरी ही ज़िन्दगी के साथ
- नमालूम

हमें राहे तलब में

हमें राहे तलब में खाक हो जाने से मतलब है
कदम पहुंचे न पहुंचे मंजिले मक़सूद पर अपना
- नमालूम

शर्त है पीकर मुकरना

शर्त है पीकर मुकरना , नेक चलनी के लिए
जो सरे बाज़ार पीता है वही बदनाम होता है
- नमालूम

गर्द उड़ी इंसा की

गर्द उड़ी इंसा की तुर्बत से तो झुंझलाकर कहा
वाह ! सर चढ़ने लगी पाँव की ठुकराई हुई
- नमालूम

कर रहे थे

कर रहे थे जाने हम अल्लाह से किसका गिला
आप अपना सर झुकाकर क्यों पशेमां हो गए
- नमालूम

उस मौज के मातम में

उस मौज के मातम में रोती है भंवर की आँख
दरिया से उठी लेकिन साहिल से न टकराई
- नमालूम

वही हम थे

वही हम थे कि जो रोतों को हंसा देते थे
अब वही हम हैं कि थमता नहीं आंसू अपना
- नमालूम

आंसुओं से तो सब राज खुल जायेंगे

आंसुओं से तो सब राज खुल जायेंगे
और क़यामत मुहब्बत में आ जाएगी
मेरे हमदम तुम हो अमानत मेरी
ग़म में भी मुस्कुराने का वादा करो
- नमालूम

वक़्त के साथ हालात बदल जाते हैं

वक़्त के साथ हालात बदल जाते हैं
यानी तकदीर के दिन रात बदल जाते हैं
जब आता है बुरा वक़्त किसी इन्सान पर
तो दोस्तों के ख्यालात बदल जाते हैं

- नमालूम

दिल को दर्दे ग़म से बोझिल न कीजिए

दिल को दर्दे ग़म से बोझिल न कीजिए
ये अमानत है मेरी खयानत न कीजिए
गिले शिकवे मुझसे हजार कीजिए
मगर आंसुओं का ज़हर अकेले न पीजिए

- नमालूम

एक ही रुख से

एक ही रुख से नतीजे पर पहुँचने वालो
मौत भी किसी चीज का उन्वां हो सकती है
अरे एक औरत जिसे दिल खोल के चाहा जाए
सिर्फ बीबी ही नहीं बहन भी तो हो सकती है

- नमालूम

अब तो घबरा के

अब तो घबरा के यह कहते हैं कि मर जायेंगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे
- नमालूम

मुझे याद करने से

मुझे याद करने से यह मुद्दा था
निकल जाए दम हिचकियाँ आते-आते
- नमालूम

शाहजहाँ ताजमहल

शाहजहाँ ताजमहल को लेकर नाहक ही परेशां हुआ
हम तो रेत के घरौंदों में तेरी तस्वीर देख लेते हैं
- नमालूम

हे विधाता

हे विधाता मुझमें इतनी रुहाई न दे
अपनों को गले न लगा सकूँ इतनी ऊँचाई न दे
- नमालूम

बस्ती में जब से

बस्ती में जब से हिन्दू - मुस्लमान बस गए
इंसा की शक्ल देखने को हम तरस गए
- नमालूम 

यह क्या मजाक

यह क्या मजाक फरिश्तों को आज सूझा है
ख़ुदा के सामने ले आये हैं पिला के मुझे
- नमालूम

ये तो मुमकिन है

ये तो मुमकिन है हर कोई न बना पायेगा ताजमहल
पर हर दिल में एक मुमताज हुआ करती है
- नमालूम

Friday, April 3, 2015

जलती बुझती सी रौशनी के परो

जलती बुझती सी रौशनी के परो
सिमटा-सिमटा सा एक मकाँ तन्हा है
राह देखा करोगे सदियों तक
छोड़ जायेंगे ये जहाँ तन्हा है
- नमालूम

हमीं को क़त्ल होना था बनाने तजुर्बा शायद

हमीं को क़त्ल होना था बनाने तजुर्बा शायद
कि हमने मोतियों के दाम में पत्थर खरीदे हैं
खरीदे तुमने जिस कीमत पे है हीरे जहाँ वालो
उसी कीमत पे हमने आँख के आंसू खरीदे हैं
- नमालूम

दिल रो रहा है मेरा मगर आँख नम नहीं

दिल रो रहा है मेरा मगर आँख नम नहीं
दुनिया समझ रही है मुझे कोई ग़म नहीं है
कान्धा दिया - दिया न सही इसका क्या गिला
मय्यत में मेरी साथ है ये अहसान कम नहीं
- नमालूम

उफ़ वे रातें जो तेरे प्यार ने बख्शी थी हमें

उफ़ वे रातें जो तेरे प्यार ने बख्शी थी हमें
गर सुलगती तो कई चाँद उभर सकते थे
एक क़तरा भी गर नब्ज का भड़का होता
हम तो शोलों के समंदर से गुजर सकते थे
- नमालूम

उनकी गली में

उनकी गली में जिस दम मेरा गया जनाजा
हसरत से देखते हैं पर्दा उठा-उठा के
- नमालूम

अब इस फिक्र में

अब इस फिक्र में दिन रात कट रहे हैं
तुझे भूल जाएँ कि खुद को भुला दें
- नमालूम

हो गए बरसों

हो गए बरसों कि आँखों की खटक जाती नहीं
जब कोई तिनका उड़ा घर अपना याद आया मुझे
- नमालूम

दरिया की ज़िन्दगी

दरिया की ज़िन्दगी  पे सड़के हजार जानें
मुझको नहीं गवारा साहिल की मौत मरना
- नमालूम

मुझको कहने दो

मुझको कहने दो कि मैं आज भी जी सकता हूँ
इश्क नाकाम सही ज़िन्दगी नाकाम नहीं
- नमालूम

तुझे वास्ता ख़ुदा का

तुझे वास्ता ख़ुदा का जरा देख ले इधर भी
घबरा के मर न जाएँ शबे हिज्र ग़म के मारे
- नमालूम

रस्ते भर पूछा

रस्ते भर पूछा रो-रोकर मेरे पांव के छालों ने
बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल में बसने वालों ने
- नमालूम

बुतों पे जल चढ़ाने का

बुतों पे जल चढ़ाने का यही एक खास मकसद है
कि पत्थर भी वजू करके ख़ुदा का नाम लेते हैं
- नमालूम

हम तुम्हें याद करते हैं

तुझे याद नहीं आती हम तुम्हें याद करते हैं
दिल को तेरी यादों से आबाद करते हैं
ओ बेरहम दर्द देने वाले
जहाँ भी रहे खुश रहे यही फरियाद करते हैं
- नमालूम

नूर पुरनम खरीद सकता हूँ

नूर पुरनम खरीद सकता हूँ
ज़ख्म मरहम खरीद सकता हूँ
मेरी तमाम खुशियाँ भी गर बिक जाएँ
लेकिन मैं आपके ग़म खरीद सकता हूँ
- नमालूम

याद आयेंगे कभी तुमको अकेले में

बहुत हम याद आयेंगे कभी तुमको अकेले में
कि जब हम खो चुके होंगे गमे दुनिया के मेले में
अकले हैं अकेले थे अकेले ही रहेंगे हम
कि जैसे चाँद हो तन्हा किसी ग़म के झमेले में
- नमालूम

तमन्ना करेंगे हम

माना कि अज्म तर्क तमन्ना करेंगे हम
तेरे बगैर जी के भला क्या करेंगे हम
कम होगी जब चिरागे मुहब्बत की रौशनी
दिल को जला-जला के उजाला करेंगे हम
- नमालूम

भूले हैं रफ्ता-रफ्ता

भूले हैं रफ्ता-रफ्ता उन्हें मुद्दतों में हम
किस्तों में ख़ुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिए

- नमालूम

आँखों से आंसू रवां रहे

एक बार मुस्कुराने की ऐसी सजा मिली
ताउम्र मेरी आँखों से आंसू रवां रहे

- नमालूम

मंजिल मेरी न हो सकी

है नहीं कोई गिला कोई नहीं है आरजू
जा रहे थे तुम जहाँ मंजिल मेरी न हो सकी
- नमालूम

मेरा हाल तक न पूछा

पास से गुजर कर मेरा हाल तक न पूछा
हम कैसे मान लें वो दूर जाके रोये
- नमालूम 

तेरे दामन की पनाह पाता

ज़िन्दगी आँख से टपका हुआ बेरंग क़तरा है
तेरे दामन की पनाह पाता तो आंसू न होता
- नमालूम

मेरा यही तो मेरा है

ख़ुदा के वास्ते ग़म को न तुम बहलाओ
इसे तो रहने दो मेरा यही तो मेरा है
- नमालूम

रोते हुए देखा न किसी ने

उस शख्स के ग़म का क्या कोई
जिसको कभी रोते हुए देखा न किसी ने
- नमालूम

तुम्हें याद करके

खुशियाँ हैं चार दिन की आंसू हैं उम्र भर के
अक्सर तन्हाईयों में हम रोये तुम्हें याद करके
- नमालूम

व्यक्ति को सफलता

व्यक्ति को सफलता अपनी वजह से मिलती है समय स्थान या परिस्तिथियों से नहीं
- नमालूम

उपलब्धि इसका वरदान है

जीवन एक संघर्ष है सफ़लता इसकी शोभा है उपलब्धि इसका वरदान है
- नमालूम

यह उसका स्वाभाव है

दुनिया को दूसरों को बदनाम करने में मज़ा आता है और यह उसका स्वाभाव है.

- नमालूम

तलबगार हो गए

तुमसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी
देखा तुझे तो तेरे तलबगार हो गए.

- नमालूम

प्यार

बच्चों की सबसे बड़ी दौलत प्यार है.
- नमालूम

माता पिता का आभारी हूँ

मैं अपने चरित्र के विकास के लिए माता पिता का आभारी हूँ.
- नमालूम

Thursday, April 2, 2015

लाखों से विजय प्राप्त कर सकते हैं

जिनमें विनम्रता है, वे एक से नहीं लाखों से विजय प्राप्त कर सकते हैं.

- नमालूम

छलक जाती हैं

जब इच्छाओं का गला घोंटा जाता है, तब आँखें प्रतिरोध करती हुयी छलक जाती हैं.
- नमालूम

अपमान भरी ज़िन्दगी

अपमान भरी ज़िन्दगी से मौत अच्छी है
- नमालूम

मर भी नहीं सकती

मैं बच भी नहीं सकती, मर भी नहीं सकती

- नमालूम

आप दवा पीकर आ जाईये

थोड़ी सी बुरी बात भी बुरी होती है , आप दवा पीकर आ जाईये ..
- नमालूम

मैं यहाँ तक चली आई.

न जाने क्या हुआ, पर मैं यहाँ तक चली आई.

- नमालूम

वायलिन न बजाय कीजिए

आइंदा आप वायलिन न बजाय कीजिए
- नमालूम

.मैं तो पाकर खो चुकी हूँ

आपने एक बार कहा था .....मैं तो पाकर खो चुकी हूँ.

- नमालूम

बड़े खुशकिस्मत हो

जिसे चाहो उसे पाने का मौका खुशकिस्मतों को ही मिलता है, पावन और तुम बड़े खुशकिस्मत हो.

- नमालूम

कितना जानती हूँ

आप नहीं जानते कि मैं आपको कितना जानती हूँ.

- नमालूम

बात करूँगा ..

मैं उससे बात करूँगा ..

- नमालूम

दिल जो न कह सका

दिल जो न कह सका , वही राजे दिल कहने की रात आई है.

- नमालूम

इतना अधिकार हो गया है

मुझे पता नहीं था कि मेरा किसी पर इतना अधिकार हो गया है ..

- नमालूम

मौत भी एक लतीफा है

मौका मिला तो यह भी बता दूंगा कि मौत भी एक लतीफा है .

- नमालूम

कुर्बानी की जो मशाल

तुमने कुर्बानी की जो मशाल दिल का खून देकर जलाई है, वह सदा रोशन रहेगी.
- नमालूम

मैं जीऊँगी

मैं जिसके लिए मर सकती हूँ, वह जीने का हुक्म दे रहा है . वह नहीं चाहता कि मैं उसके साथ मरुँ. वह किसी के साथ जीने को कह रहा है- मैं जीऊँगी.

- नमालूम

तुझको चलना होगा.

जीवन कभी ठहरता नहीं है , आंधी , तूफां से डरता नहीं है. तू न चलेगा तो चलेंगी राहें, मंजिल को तरसेगी तेरी निगाहें , तुझको चलना होगा
- नमालूम

ओ नदिया चले

ओ नदिया चले , चले रे धारा , चंदा चले , चले रे तारा - तुझको चलना होगा .

- नमालूम

पहला आंसू

पहला आंसू शायद कठिनाई से बाहर निकलता है , किन्तु उसके बाद अंतिम आंसू कठिनाई से रुकता भी है.
- नमालूम

प्यार किए बिना हम कुछ नहीं कर सकते

प्यार किए बिना हम कुछ नहीं कर सकते . प्यार से ही त्याग की भावना आती है और त्याग ही मानव को सच्चे अर्थों में मानवीय बनता है. स्वार्थ से उठाता है.
- नमालूम

थक कर चूर हो जाना ही है

थक कर चूर हो जाना ही है, शुरुआत सफ़र की.
- नमालूम

जीवन निराशा का आकाश जरूर है

जीवन निराशा का आकाश जरूर है , पर इसमें आशा के चाँद एवं सितारे भी हैं.

- नमालूम

बीज

बीज अपना असितत्व खोकर ही वृक्ष बनता है
- नमालूम

सफलता में दोषों को मिटाने की

सफलता में दोषों को मिटाने की अद्भुत शक्ति होती है

- नमालूम

दिल बहलाने को

दिल बहलाने को ग़ालिब ख़याल ही अच्छा है

- नमालूम 

Wednesday, April 1, 2015

चलते रहो ! चलते रहो !

बैठे हुए का सौभाग्य बैठा रहता है और खड़े होने वाले का सौभाग्य उठकर खड़ा हो जाता है. पड़े रहने वाले का सौभाग्य सोता रहता है और उठकर चलने वाले का सौभाग्य चल पड़ता  है इसलिए चलते रहो ! चलते रहो !

- नमालूम 

जल उठना ही उसका जाने वाले को प्रणाम है

दीपक चाहे छोटा हो या बड़ा , सूर्य जब अपना आलोक वाही कर्तव्य उसे सौंपकर चुपचाप डूब जाता है तब जल उठना ही उसके असितत्व की शपथ है, जल उठना ही उसका जाने वाले को प्रणाम है.

- महादेवी वर्मा 

संदेह तो धूमकेतु की रेखा है

संदेह पानी का बुलबुला नहीं है जो एक क्षण में भंग हो जाता है . संदेह तो धूमकेतु की रेखा है जो आकाश में एक छोर से दूसरे छोर तक फैली रहती है, और धूमकेतु जानते हो , किस बात का प्रतीक है ?  भय का, आशंका का, अमंगल का.

- नमालूम

वही सच्चा कलाकार है

जीवन संसार की समस्त कलाओं में श्रेष्ठ है. जो अच्छी तरह से जीना जानता है, वही सच्चा कलाकार है.
- नमालूम

कुसुम से भी कोमल

कुसुम से भी कोमल , वज्र से भी कठोर विभूति व्यक्तित्व वाले विरले ही अवतरित होकर धरा को धन्य बनाते हैं.
- नमालूम

वह सुखी है

वह सुखी है जिसकी परिस्तिथियाँ उसके स्वभाव के अनुकूल हैं, लेकिन वह और भी सुखी है जो अपने स्वभाव को परिस्तिथियों के अनुकूल बना लेता है.

- नमालूम

बहुत करीब आ जाओगे

खा जाओगे मनाजिरे कुदरत में
अपने से बहुत करीब आ जाओगे

- नमालूम

हयाते इश्क़

यही मकसद हयाते इश्क़ का है
कि ज़िन्दगी-ज़िन्दगी को पहचाने

- नमालूम

विपत्ति थोड़े दिन के लिए होती है

विपत्ति थोड़े दिन के लिए होती है, जिसे हम को ख़ुशी एवं आनंद के साथ बिता देना चाहिए.

- नमालूम

सबसे बड़ा दीन दुर्बल वह है

सबसे बड़ा दीन  दुर्बल वह है जिसका अपने ऊपर नियंत्रण नहीं है .

- नमालूम

जियो तो ज़िन्दगी में

जियो तो ज़िन्दगी में जान डाल दो
- नमालूम

आलस्य से बढ़कर अधिक घातक

आलस्य से बढ़कर अधिक घातक और समीपवर्ती शत्रु कोई नहीं है .

- नमालूम

दर्द ही दिया

तुमने भी दर्द ही दिया
अब किसकी आस हम करें

- नमालूम

मुझे प्रकृति के सौन्दर्य से ऐसी आत्मीयता भी मिली है

मुझे प्रकृति के सौन्दर्य से ऐसी आत्मीयता भी मिली है , नंदनी जब भी मैं प्रकृति के गोद में अकेला होता हूँ तो मुझे लगता है कि कोई प्रियजन मेरे पार्श्व में है और मुझसे मधुर-मधुर बोल रहा है. मैंने अपने जीवन में प्रत्येक मानव को इसी तरह देखा है जैसे किसी कला कृति को देखा जाता है कला किसी एक इंसान की संपत्ति नहीं है . कला प्रत्येक नए दर्शक के लिए नया जन्म लेती है. वह प्रकृति के सौन्दर्य की भांति सबके लिए है.

- नमालूम

मानव ह्रदय कभी हँसना चाहता है कभी रोना

जब सूर्यास्त हो जाता था और अँधेरा हमें बाहों में घेर लेता था तो हम एक लम्बी साँस लेकर उठ खड़े होते थे. जीवन लुका छुपी का खेल है . इसमें हमारा मन मोहक खो जाता है. और फिर मानव ह्रदय कभी हँसना चाहता है कभी रोना.

- नमालूम

हम दोनों को बोलने के लिए कुछ नहीं है

एक अप्रिय मौन हम दोनों के बीच आ गया . मैं कॉफ़ी पीते हुए सोचने लगा , क्या इतने सालों के बाद मिलने पर भी हम दोनों को बोलने के लिए कुछ नहीं है. जीवन पथ अलग-अलग हो जाने से हम एक दूसरे से विलय हो जाते हैं. समय बीतने से यह दूरी बढ़ती जाती है.

- नमालूम

यहाँ के तारे घूंघट में छिपते रहते हैं

हमारी उस धरती पर बादल ज्यादा नहीं बरसता लेकिन चाँद बरसता है. ऐसी खिली हुयी चांदनी कम जगहों पर होती है . उस आकाश में कितने ज्यादा तारे होते हैं. नहीं ,यहाँ इतने ज्यादा तारे नहीं हैं . यहाँ के तारे घूंघट में छिपते रहते हैं. आकाश में तारे चमचमाते रहते हैं. लेकिन नंदनी हर जगह की अपनी अलग खूबसूरती है.

- नमालूम 

कोई दूर होते हुए भी पास लगता है

आग नजदीक होती है तभी आंच देती है. परन्तु इन दिलों की बात अलग है . कोई दूर होते हुए भी पास लगता है और कोई पास होते हुए भी दूर.

- नमालूम

एक दीपक हो जो जलना चाहता हो

उस अँधेरे में तारों की झीनी रौशनी में और दूर खम्बे पर बिजली के प्रकाश में उसके चेहरे पर मुस्कान और आसुओं का मिला जुला असर बड़ा ही सुन्दर लग रहा था. वैसे भी आंसुओं को रोकने और मुस्कराने की कोशिश में नारी के मुख पर एक तेज आ जाता है. जैसे एक दीपक हो जो जलना चाहता हो परन्तु जिसे हवा के झोंके बुझाना चाहते हों .

- नमालूम

मेरा समूचा गुस्सा काफूर हो गया था

मेरा समूचा गुस्सा काफूर हो गया था और मन में आया था कि दौड़कर उससे जा मिलूं . पर सभी समाज में मन की सभी उमंगें तन की क्रियाओं में अनूदित नहीं हो पाती.

- नमालूम

कुछ तो ज़िन्दगी की राह पर

और सच तो यह है कि अगर हम अपने मन से पूछें कि हम इस दुनिया में कितने लोगों को सचमुच जानते हैं, तो शायद इने-गिने नाम ही याद आयेंगे. ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हमें कुछ लोग मिलते हैं. कुछ तो ज़िन्दगी की राह पर अच्छा खासा समय हमारे साथ रहते हैं, परन्तु उनमें से कितने कम लोगों को हम सही-सही पहचानते हैं.
- नमालूम

तस्वीर हो गया हूँ

तस्वीर हो गया हूँ तेरी तस्वीर देखकर .

- नमालूम

हर इंसान का थोड़ा हिस्सा

हर इंसान का थोड़ा हिस्सा ही बाहर रहता है. बड़ा हिस्सा तो भीतर ही छिपा रहता है. वह कभी- कभार क्षण - दो- क्षण के लिए दीख जाता है . फिर गुम हो जाता है.
- नमालूम

इन्सान अपने आप को पहचानने में

इन्सान अपने आप को पहचानने में सदा ही असफल रहता है. हो सकता है मैंने अपने आप को अनजाने में सही पहचाना हो.

- नमालूम

मानव जिससे प्रेम करता है

मानव जिससे प्रेम करता है , उससे सब कुछ पाने की आशा करता है . वह जो सबके लिए नहीं होता है. जो कुछ विशेषकर उसके लिए होता है.

- नमालूम

याद कर मन में एक कम्पन पैदा हो जाता है

आज भी उन दिनों की याद कर मन में एक कम्पन पैदा हो जाता है. एक पीड़ा समूचे असितत्व को घेर लेती है. नंदनी , कभी-कभी ऐसा क्यों होता है कि कोई व्यक्ति हमारे लिए समूचा संसार बन जाता है ? उस समय ऐसा लगता है , हमारी सारी प्रसन्नता , हमारा सभी कुछ उस व्यक्ति पर निर्भर है हमारा जीवन, हमारी मुक्ति भी उस पर आधृत है.

- नमालूम

ऐसा लग रहा था

ऐसा लग रहा था मानो मुझे सब कुछ मिल गया था और उसके बाद मुझे किसी अन्य वस्तु की जरूरत न थी. मेरे मन का प्याला छलकने लगा था. अब उसमें एक बूँद भी जगह नहीं थी. रात की ख़ामोशी में मुझे सुकून मिल रहा था. मुझे यह सोचते हुए आश्चर्य लग रहा था कि ऋषि मुनि हिमालय की कंदराओं में जाकर शान्ति की प्राप्ति की तपस्या क्यों करते हैं. इस दुनिया में ही किसी प्रियजन के पार्श्व में बैठकर भी सम्पूर्ण शान्ति प्राप्त की जा सकती है . ऐसे समय में पूर्णतः के क्षणों को बार-बार छुआ जा सकता है. सुदूर को अपने ही निकट पाया जा सकता है.

- नमालूम

अतीत हमारा अपना ही है

अतीत हमारा अपना ही है हम वह कभी, किसी को देना नहीं चाहते हैं. कभी-कभी वर्तमान को बचाने के लिए अतीत के कुछ क्षणों को महाकाल के यहाँ बांधकर रख आते हैं. आज मैं अतीत को वापस ले आने के लिए महाकाल के यहाँ गया था.

- नमालूम

कई बातें छिपा जाती है

प्रत्येक नारी बातें करते-करते कई बातें छिपा जाती है. वह जीवन में सभी कुछ सम्पूर्ण चाहती है, पर बातों को वह अपूर्ण ही छोड़ती है. मैंने उसके चेहरे की ओर देखा था . उस पर शांति थी. कोई चिंता कोई उत्कंठा न थी. दूसरे के मन में तृष्णा जगाकर दूर पे जाने में नारी को आनंद मिलता है.

- नमालूम 

तुम्हें याद है, कॉलेज छोड़ते समय कॉलेज के अंतिम दिन

तुम्हें याद है, कॉलेज छोड़ते समय कॉलेज के अंतिम दिन तुमने मेरी ऑटोग्राफ बुक में लिखा था . सत्येन्द्र कभी-कभी लगता है , मेरे मन में इतने तूफ़ान हैं , जितने शायद इस समूचे संसार में नहीं हैं..... पर लगता है. मैं अब पर्वतीय झरना नहीं हूँ . मैं दिनों दिन एक तालाब में बदल रही हूँ तालाब महदूद है. शायद कुछ ही दिनों में मेरा जीवन सांझ की तरह शांत हो जाए. पर सत्येन्द्र तुम भी तो दूसरों से अलग आदमी थे. तुम्हें भी तो दुनिया ने रस्सियों से बाँध लिया है.

- नमालूम

ढ़लते सूरज की रौशनी में

ढ़लते सूरज की रौशनी में उसका मुख स्वर्ण वर्ण हो आया था. वह ढ़लते हुए सूरज की ओर देख रही थी. उस दृश्य से हमने सदा ही प्रेम किया था. जब सूरज ढ़लने को होता था तो हम खामोश हो जाते थे. हम एक दूसरे से अलग बैठे हुए पश्चिम को निहारा करते थे. हमारा वजूद उस हल्की गर्मी में गलकर सोना हो जाता था. ऐसा लगता था यदि इस जीवन का अंत मृत्यु ही है, तो वह आज क्यों नहीं आती. ऐसा लगता था कि हम उस ह्रदय स्पर्शी शान्ति में खो जाएँ.

- नमालूम 

जीवन एक पहेली है

जीवन एक पहेली है. उस पहेली को बुझाने की कोशिश करना दीवार से अपना सिर फोड़ना है.
- नमालूम

स्त्री कितनी भी बुद्धिमती हो

स्त्री कितनी भी बुद्धिमती हो, कितनी भी साहसी हो परन्तु जीवन के ऐसे अवसरों पर , जब वह किसी पुरुष को चाहने लगती है . वह सब कुछ भुला बैठती है . वास्तव में ऐसे अवसरों पर वह अपनी स्वामिनी स्वयं नहीं होती है . वह बेबस कठपुतली की तरह चलती है और उसे चलाने वाला होता है वह पुरुष , जिसे वह उस समय भगवान् से भी अधिक समझती है.

- नमालूम 

वो और मैं

वो और मैं कभी-कभी समुद्र तट पर अकेले बहुत दूर निकल जाते थे. वहां जहाँ कोई नहीं होता था. केवल किनारा , लहरें होती थीं. और समुद्र की आवाज़ आसमान में फैल जाती थी. हम दो बिन्दुओं की तरह उस अथाह कुदात में गम हो जाते थे. ऐसे में कभी-कभी सृष्टि में खो जाने पर कितना बड़ा आनंद मिलता है. वहां खड़े होकर बहुत दूर ढ़लते हुए सूर्य को देखते थे. वह दृश्य हमारे समूचे असितत्व को झकझोर कर रख देता था. हम बिलकुल खामोश हो जाते थे.

- नमालूम

एक इंसान दूसरे इंसान को

एक इंसान दूसरे इंसान को कभी पूरी तरह जान नहीं सकता . शायद पूरा जीवन साथ रह कर भी ..... लेकिन इंसान अपने आप को जानने में  भी तो सफल नहीं होता.
- नमालूम

मन एक अँधियारा कमरा होता

एक इंसान के लिए दूसरे इंसान का मन एक अँधियारा कमरा होता है. कई बार इंसान चाहता है कि मोमबत्ती ले जा कर दूसरे के मन में झाँक आये. परन्तु नहीं ऐसी घिनोनी हरकत करने की अनुमति संसार हमें नहीं देता. हर एक इंसान के लिए मन का यह अँधियारा अपना होता है. वह बचपन से लेकर मरण तक उसमें न जाने कितनी चीजें एकत्र करता रहता है.

- नमालूम

मुझे कभी-कभी

मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है कि अगर दुनिया में आईना नहीं होता तो इंसान कभी बूढ़ा नहीं होता . इंसान का दिल तो कभी बूढ़ा नहीं होता . मेरा मन आज भी घायल है . आज मैं साड़ी रातें रोते गुजारता हूँ.

- नमालूम

मानवीय संबंधों में तर्कशास्त्र

क्या मानवीय संबंधों में तर्कशास्त्र काम देता है. मेरे विचार में अगर यह फर्क न होता तो शायद इंसान लोहे व् लकड़ी में कोई फर्क न होता.

- नमालूम

कुछ लोगों की आँखों में

कुछ लोगों की आँखों में बहुत कुछ देखा जा सकता है . उनसे कुछ समझा जा सकता है .

- नमालूम  

छात्रों को पुस्तकों से प्रेम हो सकता है

छात्रों को पुस्तकों से प्रेम हो सकता है , और हो जाता है लेकिन वह पुस्तक के उन्हीं भागों पर ज्यादा ध्यान देता है जो परीक्षा में आ सकते हैं . उसकी पहली गरज है परीक्षा में पास होना ज्ञानार्जन उसके बाद .

- नमालूम

जीवन की सार्थकता

जीवन की सार्थकता अपनों के लिए कठिन से कठिन त्याग में है.

- नमालूम

सुन्दर निश्छल ह्रदय

सुन्दर निश्छल ह्रदय , तुमसे हंसी करना भी अन्याय है.

- नमालूम

मोह ही विनाश की जड़ है

मोह ही विनाश की जड़ है . प्रेम जैसी निर्मम वस्तु क्या भय से बांध कर रखी जा सकती है. वह तो पूरा विश्वास चाहती है, पूरी स्वाधीनता चाहती है , पूरी जिम्मेदारी चाहती है. उसके पल्लवित होने की शक्ति भी उसके अन्दर है, उसे प्रकाश और क्षेत्र मिलना चाहिए वह कोई दीवार नहीं है जिस पर ऊपर से ईंट राखी जा सकती है. उसमें तो प्राण हैं फैलने की असीम की शक्ति है.

- नमालूम