Saturday, April 4, 2015

चाँद तन्हा है आसमां तन्हा

चाँद तन्हा है आसमां तन्हा
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा
क्या ज़िन्दगी इसी को कहते हैं
जिस्म तन्हा और जन तन्हा
- नमालूम

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