मैं सांस लेता हूं तेरी खुशबू आती है
Saturday, April 4, 2015
दिल को दर्दे ग़म से बोझिल न कीजिए
दिल को दर्दे ग़म से बोझिल न कीजिए
ये अमानत है मेरी खयानत न कीजिए
गिले शिकवे मुझसे हजार कीजिए
मगर आंसुओं का ज़हर अकेले न पीजिए
- नमालूम
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