मैं सांस लेता हूं तेरी खुशबू आती है
Saturday, April 11, 2015
हमें क्या मिटाएगी
हमें क्या मिटाएगी गर्दिश जमाने की
हमें तो आदत है ग़म में ही मुस्कुराने की
- नमालूम
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