ये शेयर यूँ है जनाब और शायर हैं मीर तहिर अली रिज़वी(ये जानकारी गूगल से मिली है)मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा उस को छुट्टी न मिली जिस को सबक़ याद हुआ।मीर ताहिर अली रिज़वी
ये शेयर यूँ है जनाब और शायर हैं मीर तहिर अली रिज़वी(ये जानकारी गूगल से मिली है)
ReplyDeleteमकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा
उस को छुट्टी न मिली जिस को सबक़ याद हुआ।
मीर ताहिर अली रिज़वी