मैं सांस लेता हूं तेरी खुशबू आती है
Wednesday, April 1, 2015
एक इंसान दूसरे इंसान को
एक इंसान दूसरे इंसान को कभी पूरी तरह जान नहीं सकता . शायद पूरा जीवन साथ रह कर भी ..... लेकिन इंसान अपने आप को जानने में भी तो सफल नहीं होता.
- नमालूम
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