Friday, November 28, 2014

वो खाक छुएंगे ऊचाईयों को

वो खाक छुएंगे ऊचाईयों को
जो ज़मीं पे आसमां उठा रखे हैं
जलता हूँ जिनके लिए शमा बनकर
वे ही रास्ते में आंधियां उठा रखे हैं

- नमालूम

हुए थे आँखों के

हुए थे आँखों के कल क्या इशारे
इधर हमारे उधर तुम्हारे
चले अश्कों के क्या फव्वारे
इधर हमारे उधर तुम्हारे

 - नमालूम

था जिनकी खातिर

था जिनकी खातिर नाच किया
जब मूरत उनकी आएगी
कहीं आप गया कहीं नाच गया
और तान कहीं लहराएगी

- नमालूम

नाव मझधार में है

नाव मझधार में है बचा लीजिये
घोर तम है मशाल जला लीजिये
देश में उन्माद फिर बढ़ रहा है
बन कर शम्भू  ज़हर पचा लीजिए

-नमालूम

जीवन तो वैसे सबका है

जीवन तो वैसे सबका है
आप जीवन के श्रृंगार बनें
इतिहास आपकी साख बने 
आप राखों का अंगार बनें

- नमालूम

मंगलमय हो मार्ग आपका

मंगलमय हो मार्ग आपका
वायु बिछाए कोमल फूल
श्याम घटायें छाया दे दे
सदा परिस्थितियां रहें अनुकूल

- नमालूम

मेरी आरजू है

मेरी आरजू है तुम्हें इतना इतना चाहूँ कि
तुम बीती बातों का ग़म भूल जाओ
तुम्हें रास आ जाए मेरी मुहब्बत
ज़माने के सारे सितम भूल जाओ

- नमालूम

वो दिल ही क्या

वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे
मैं तुझे भूल कर भी जिंदा रहूँ ख़ुदा न करे
रहेगी तेरी याद मेरे साथ ज़िन्दगी बनकर
ये और बात है कि मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे

- नमालूम

Thursday, November 27, 2014

फिर मुझे तेरी अदा याद आई

आपको मेरी वफ़ा याद आई
खैर है आज यह क्या याद आई
फिर मेरे सीने में इक हूक उठी
फिर मुझे तेरी अदा याद आई

- नमालूम

बिगड़ी बात बनाकर देखो

अपनी जुबां कटाकर देखो
बिगड़ी बात बनाकर देखो
बात की ईंट बजाने वालो
ईंट से ईंट बजाकर देखो

- नमालूम

Wednesday, November 26, 2014

ऐसा हिन्दुस्तान बना दे या अल्लाह

इन आँखों से तेरे नाम की बारिश हो पत्थर नहीं इंसान बना दे या अल्लाह
सहमा दिल, टूटी कश्ती , चढ़ता दरिया
हर मुश्किल आसां बना दे या अल्लाह
चाँद सितारे झुक कर क़दमों को चूमे
ऐसा हिन्दुस्तान बना दे या अल्लाह

- नमालूम

मुर्दा दिलों को

मुर्दा दिलों को रास कब आई है ज़िन्दगी
हमने तो पत्थर में भी पायी है ज़िन्दगी
इस बेवफा का क्या है कब साथ छोड़ दे
अपनी नहीं पराई है ज़िन्दगी

- नमालूम

चाह मधुवन की

चाह मधुवन की बहुत होती है
राह छितवन की बहुत होती है
धूप में जल रहे पथिक के भी
छाह चितवन की बहुत होती है

- नमालूम

आजकल मैं भी वही हूँ

आजकल मैं भी वही हूँ जो दुनिया है
अँधेरे में फिर उजाले मांगते हैं
लहू में रात वाले मांगते हैं
तुम्हारे पाँव गुल, कूचे हिना के
हमारे पाँव छाले मांगते हैं

- नमालूम

फूलों की तरह अपना भी

फूलों की तरह अपना भी मुरझा गया चेहरा
जब शहर के मौसम के मुताबिक न रहे हम
ये बात अलग हमको न अपनाएँ तेरे लोग
ऐ जाने वतन कब तेरे आशिक न रहें हम

- नमालूम

तुम क्या जानो

तुम क्या जानो अपने आप से मैं कितना
शर्मिंदा हूँ
छूट गया साथ तुम्हारा और अभी तक
जिंदा हूँ

- नमालूम

दरवाजे पर दहशत है

दरवाजे पर दहशत है तो कमरों में उदासी
मुद्दत से कोई हँसता हुआ घर नहीं देखा
ऊपर से सटे तो लगते हैं , अन्दर से कटे हैं
अलगाव का ऐसा कभी मंजर नहीं देखा

- नमालूम

गीत के स्वर अचानक बदलने लगे

गीत के स्वर अचानक बदलने लगे
प्रीति के दायरे सिमटने लगे
साथ देने का वादा बहारों का था
जब पुकारा उन्हें तो वो मुकरने लगे

- नमालूम

अश्क शबनम में

अश्क शबनम में डूब जाते हैं
ज़ख्म मलहम में डूब जाते हैं
जब आपका पत्र नहीं मिलता
तो हम आपके ग़म में डूब जाते हैं

- नमालूम

मानता हूँ

मानता हूँ गरम होना ठीक नहीं
पर नरम होना बुरा है
देखते नहीं
पड़ोसी के हाथ में छुरा है

- नमालूम

होठों के पास आये हंसी

होठों के पास आये हंसी क्या मजाल है
यह दिल का मामला है कोई दिल्लगी नहीं

- नमालूम

ये दुनिया क्या है

ये दुनिया क्या है, ग़म का दरिया है
न जीना यहाँ बस में न मरना यहाँ बस में

- नमालूम

न मुंह छिपा के जियो

न मुंह छिपा के जियो , न सर झुका के जियो
ग़मों का दौर भी आये तो मुस्कुरा के जियो

- नमालूम

दोस्ती वह भी गरज से

दोस्ती वह भी गरज से
दोस्ती नहीं तिजारत है

- नमालूम

इश्क़ ने हमें

इश्क़ ने हमें निकम्मा कर दिया ग़ालिब
वर्ना हम भी थे आदमी काम के
- ग़ालिब

मतलब की दुनिया में

मतलब की दुनिया में, कौन किसी का होता है
धोखा देते हैं वही जिन पर ऐतवार होता है

- नमालूम

ज़िन्दगी इक बेवफा है

ज़िन्दगी इक बेवफा है , इक दिन हमें ठुकराएगी
मौत ही है अपनी दिलरुवा, जो साथ लेकर जाएगी

- नमालूम

भक्ति भक्त में न होती

भक्ति भक्त में न होती तो , भक्त भगवान बन जाता
वासना प्रेम को न छलती तो प्रेम वरदान बन जाता

- नमालूम

Saturday, November 22, 2014

फानूस बनकर

फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे
वो शमा क्या बुझेगी जिसे रौशन ख़ुदा करे

- नमालूम

दुनिया बदल गयी

दुनिया बदल गयी बदल गया ज़माना
हमें बड़ी सोच है तुम भी बदल न जाना

- नमालूम

ओ दूर रहने वाले वादा

ओ दूर रहने वाले वादा न भूल जाना
रास्ता अँधेरा है , तुम चाँद बं के आना

- नमालूम

सुकूने दिल के वास्ते

सुकूने दिल के वास्ते वादा तो कीजिए
हम जानते हैं आपसे आया न जाएगा

- नमालूम

नहीं कोई सिकंदर

नहीं कोई सिकंदर इस ज़माने में
वक़्त ही सिकंदर होता है

- नमालूम

बे बड़े खुशनसीब होते हैं

बे बड़े खुशनसीब होते हैं
आप जिनके क़रीब होते हैं

- नमालूम

ख़ुशी के साथ दुनिया में

ख़ुशी के साथ दुनिया में हजारों ग़म भी होते हैं
जहाँ बजती है शहनाईयां , वहां मातम भी होते हैं

- नमालूम

महबूब मेरे महबूब

महबूब मेरे महबूब तू है तो ही ये दुनिया इतनी हंसी है
अगर तू नहीं तो इस दुनिया में कुछ भी नहीं है

- नमालूम

साहिल के जद पे

साहिल के जद पे कितने लोग मेरे साथ थे
तूफां की जद पर आया तिनका नहीं मिला 
डूबते रहे लहरों में किनारा नहीं मिला
उनसे बिछड़ कर फिर कोई उन सा नहीं मिला

- नमालूम

मित्रता हमको प्यारी है

मित्रता हमको प्यारी है
हम भी इसे निभाएंगे
लगाकर तन की बाजी
इसे उन्नत बनायेंगे

- नमालूम

वियोगी होगा पहला कवि

वियोगी होगा पहला कवि
आह से उपजा होगा गान
उमड़ कर आँखों से चुपचाप
वही होगी कविता अनजान

- नमालूम

गर साथ दिया तो संवर जायेंगे

गर साथ दिया तो संवर जायेंगे
गर किया किनारा तो किधर जायेंगे
हमें दिल के कोने में क़ैद करो या न करो
एक खुशबू भरा झोंका है गुजर जायेंगे

- नमालूम

Friday, November 21, 2014

न चमन बदला है, न गगन बदला है

न चमन बदला है, न गगन बदला है
न ज़मीं बदली है, न आसमां बदला है
शमशान की खामोशी चीख-चीख के कह रही
कि लाश वही है सिर्फ कफ़न बदला है

- नमालूम

कश्ती भंवर तूफां से निकल सकती है

शमा बुझ जाए तो जल सकती है
कश्ती भंवर तूफां से निकल सकती है
मायूस न हो मित्र , न इरादे बदल
तकदीर किसी भी वक़्त बदल सकती है

- नमालूम

चमन में बहार लाने की जरूरत थी

चमन में बहार लाने की जरूरत थी
तो सींचने का काम मैंने किया
आज चमन में बहार आई
तो आपने कहा अब तेरा काम नहीं

- नमालूम

ऐसा थका

पास कलाई के आकर चूड़ी टूट गयी
वैसे ही बन -बन कर मेरी क़िस्मत फूट गयी
मैं इस तपती दोपहरी में, ऐसा थका
हुआ राही हूँ , स्टेशन पर जाकर गाड़ी छूट गयी

- नमालूम

तुझे पाया तो सब पाया

तुझे खोया तो सब खोया तुझे पाया तो सब पाया
गयी चाह जब , शहंशाह थे हम
थी रंक दुनिया .

- नमालूम

दिल तो दिल है

दिल तो दिल है शीशा तो नहीं
ठेस लगी और टूट गया
सौ यार मिलेंगे तुमको वहां
क्या हुआ जो इक छूट गया

- नमालूम

तेरी आँख से जब मोती गिरेंगे

तेरी आँख से जब मोती गिरेंगे
बेमौसम फूल पत्ते झरेंगे
थोड़ा सा तुम मुस्कुरा दो
तो खिजां में भी फूल खिलेंगे

- नमालूम

मन के कोने में

मन के कोने में, इक झरोखे से
भूली यादों ने झाँका धोखे से
इक कसक सजग हुयी अनजाने
दिल मचला रुका न रुके से

- नमालूम

मुझे ग़म नहीं इसका

मुझे ग़म नहीं इसका कहीं ज़माना बदल न जाए
मेरी आरजू है तुमसे कहीं तू न बदल जाए

- नमालूम

क्या बताऊँ ? क्या रहा !

क्या बताऊँ ? क्या रहा ! कैसा मुकद्दर खो गया
मोम दिल समझा था जिसको वह भी पत्थर हो गया

- नमालूम

हम बवफा थे

हम बवफा थे इसलिए नज़रों से गिर गए
शायद तुझे तलाश किसी बेवफा की थी

- नमालूम

हर एक को दावा है

हर एक को दावा है कि हम भी हैं कोई चीज
और हमको यह नाज़ है कि हम कुछ भी नहीं

- नमालूम

ओ सनम

ओ सनम - ओ मेरे सनम
दो जिस्म मगर एक जान हैं हम

- नमालूम

तू मेरा जीवन

तू मेरा जीवन , तू ही मेरा तन मन
ओ सनम - ओ मेरे सनम

- नमालूम

पत्र मिलते ही आपका

पत्र मिलते ही आपका मेरा दिल बाग़-बाग़ हो गया
क्या बताएं दर्द आपका , मेरे जिस्म का एक भाग हो गया.

- नमालूम

Monday, November 17, 2014

मैं एक छाया हूँ

मैं एक छाया हूँ , एक स्वप्न, एक निराकार आक्रोश, एक वियोग, एक रहस्य --- भावना से भावना तक भटकता हुआ एक विचार -- हर जगह आग देता हुआ और स्वयं ज्वाला में झुलसता हुआ , जल उठता हुआ, निरंतर उठता हुआ , उठता हुआ , न बुझता हुआ , न मरता हुआ ------


-  - शेखर - एक जीवनी - से

शान्ति, शान्ति !

शान्ति, शान्ति ! इस राजमार्ग पर केवल एक छोटा सा दीप आलोकित करता है-
इसके फीके प्रकाश से इतने थोड़े से कदम मेरे चरणों के आगे -


-  - शेखर - एक जीवनी - से

Peace, peace , such a small lamp

Peace, peace , such a small lamp
illumines on this highway
so dimly, so steps in front of my feet.

-  - शेखर - एक जीवनी - से 

मैं एकांत में जला किया हूँ

मैं एकांत में जला किया हूँ ,
और जलना अपना ही शमन लाया है
और भी अनबुझ जलन के रूप में -----

-  - शेखर - एक जीवनी - से 

I have burned in solitude

I have burned in solitude
And  burning has brought its own solace
In more quenchless burning----


-  - शेखर - एक जीवनी - से

मेरी बाती दोनों सिरों से जल रही है

मेरी बाती दोनों सिरों से जल रही है
वह रात भर नहीं रहेगी
किन्तु मित्रगण और शत्रुगण
कितनी सुन्दर है उसकी दीप्ति

-  - शेखर - एक जीवनी - से

My candle burns

My candle burns at both ends
It will not last the light
But oh my foes, and oh my friends-
It gives a lovely light  

-  - शेखर - एक जीवनी - से 

तुम्हारे प्यार के रहते हुए ही

तुम्हारे प्यार के रहते हुए ही मैं मर जाना चाहती हूँ
जब कि मेरा रूप तुम्हारी आँखों में सुन्दर है ,

और मेरे होठों पर हंसी है
मेरे केशों में कान्ति-----
तुम्हारे प्यार के रहते हुए ही मैं मर जाना चाहती हूँ
तब तक कौन जीना चाहेगा
जब कि प्यार के पास शेष रह जाए
न कुछ मांगने को , न कुछ देने को
मैं मर जाना चाहती हूँ ---

-  - शेखर - एक जीवनी - से

I want to die while you love me

I want to die while you love me
while yet you hold me fair

while laughter lies upon my lips
and lights are in my hair

i want to die while you love me
oh who would care to live

Till love has nothing more to ask
And nothing more --- to give
 I want to die--------

- शेखर - एक जीवनी - से

हम दोनों वर्षों से एक भवन बनाते रहे हैं

हम दोनों वर्षों से एक भवन बनाते रहे हैं, तुम और मैं जिसमें न तुम रहोगे , न मैं ---- किन्तु हम उसमें नहीं रहेंगे इसी मात्र से वह कम सुन्दर नहीं होगा .......


- शेखर - एक जीवनी - से

प्यार एक कला है

प्यार एक कला है और कला संयम का दूसरा नाम है. और इसकी व्याख्या की गयी थी किसी भी एक व्यक्ति को इतना प्यार नहीं करना चाहिए कि जीवन में किसी दूसरे उद्देश्य की गुंजाईश न रह जाए - कि जीवन एक स्वतंत्र इकाई है और यदि वह बिलकुल पराधीन हो जाये तो यह कला नहीं है , क्योंकि कला आदर्श से उतरकर है.

 - शेखर - एक जीवनी - से

प्यार एक आकर्षण है

प्यार एक आकर्षण है, एक शक्ति जिससे जीवन की स्थितिशीलता विचलित हो जाती है

- शेखर - एक जीवनी - से

अभिमान से भी बड़ा दर्द होता है

अभिमान से भी बड़ा दर्द होता है , पर दर्द से भी बड़ा एक विश्वास  है


- शेखर - एक जीवनी - से 

ऐसे भी दर्द होते हैं

ऐसे भी दर्द होते हैं जो अभिमान से बड़े होते हैं

- शेखर - एक जीवनी - से

Friday, November 14, 2014

गरीब की सांस

गरीब की सांस वह धौंकनी होती है , जो लोहा गला दे

- शेखर - एक जीवनी - से

खामोश रहने से

खामोश रहने से इंसान का वक़ार बुलंद होता है .

- नमालूम
9.7.2000

दौलत की हिफाजत

दौलत की हिफाजत तुम करते हो लेकिन तुम्हारी हिफाजत इल्म करता है

- नमालूम

मेरे दोस्त !

मेरे दोस्त ! जिस तरह हर रात की एक सहर होती है , खिजां के बाद बहार आती है, इसी तरह ग़मों के बाद खुशियाँ जरूर मिलती हैं. कभी नउम्मीद मत होना कि हम भी इसी आसमान के नीचे जरूर मिलेंगे .

- नमालूम

एक बार जो दिल में बस गया सो बस गया

एक बार जो दिल में बस गया सो बस गया . प्यार तो जंगल की वह आवारा व् मदमस्त हवा है , जो एक बार दिल को छूकर निकल जाती है फिर दिल जीवन भर उसकी यादों में तरसता रहता है .

- नमालूम

Thursday, November 13, 2014

प्यार, सम्बन्ध ,व्यवहार ,आत्मीयता

प्यार, सम्बन्ध ,व्यवहार ,आत्मीयता यह सब प्रवंचना के भिन्न-भिन्न शारीर हैं. निस्वार्थ स्नेह , मित्रता या सम्बन्ध नाम की कोई चीज नहीं है इस दुनिया में. स्वार्थ के कांटे में प्रेम का आटा लगाकर मछलियाँ फ़साना ही बुद्धिमत्ता का प्रतीक है. पैसा, पैसा ,पैसा और केवल पैसा ही दुनिया का पहला और अंतिम सत्य है

- नमालूम

एक दिन सौभाग्य ने

एक दिन सौभाग्य ने एक व्यक्ति का द्वार खटखटाया परन्तु उस व्यक्ति ने वह आवाज़ नहीं सुनी, वह पड़ोसी के यहाँ बैठा अपने दुर्भाग्य की कहानी सुना रहा था .

- नमालूम

यह बात कुछ महत्वपूर्ण नहीं है

यह बात कुछ महत्वपूर्ण नहीं है कि आदमी मरता कैसे है बल्कि यह महत्व रखती है कि वह जीता किस तरह से है .

- नमालूम


सज्जन वही है

सज्जन वही है जो उन व्यक्तियों का भी सम्मान करता है जो उसके किसी काम नहीं आ सकते .

- नमालूम

नदी छिछली होने के कारण

नदी छिछली होने के कारण भागी फिर रही है . गंभीर समुद्र स्थिर और स्थायी होता है

- नमालूम

मुझे आगामी कल से

मुझे आगामी कल से डर नहीं क्योंकि मैं पिछला कल देख चुका हूँ और आज से प्यार करता हूँ

- नमालूम

अमीर वह है

अमीर वह है जिसकी आय उसके व्यय से अधिक है और गरीब वह है जिसका व्यय आय से अधिक है

- नमालूम

मित्र की परख

मित्र की परख विपत्ति में होती है , शूरवीर की युद्ध में , ईमानदारी की कर्ज में और स्त्री की जब धन समाप्त हो जावे .

- नमालूम

बोलने से पहले अच्छी तरह सोच लो

बोलने से पहले अच्छी तरह सोच लो क्योंकि तुम्हारी जबान से निकले हुए शब्द दूसरे व्यक्ति के दिल में तुम्हारे लिए सफलता व असफलता का बीज बो देंगे

- नमालूम

अज्ञानी लोग

अज्ञानी लोग ही दूसरों को जानने की कोशिशें करते हैं. ज्ञानी वही है जो अपने को जान्ने की कोशिश करता है.

- नमालूम

'मैं और मेरा' अज्ञान है



'मैं और मेरा' अज्ञान है. तू और तेरा ज्ञान है

- रामतीर्थ

जो तेरे सामने



जो तेरे सामने औरों की निंदा करता है, वह औरों के सामने तेरी निंदा करेगा

- शेख सादी

सज्जनों से निष्फल



सज्जनों से निष्फल याचना भी अच्छी , नीच से सफल याचना भी अच्छी नहीं

- कालिदास

अपने काम को चाँद



अपने काम को चाँद और सूरज के काम की तरह निस्वार्थ बना दो तभी अपने काम में सफलता मिलेगी

- रामतीर्थ

जो तुमसे घृणा करे



जो तुमसे घृणा करे , तुम उसकी भलाई करो

- ईसामसीह