नौका पर बैठे जल विहार करते समय हम जिन चट्टानों को घातक समझते हैं और चाहते हैं कि कोई इन्हें खोद कर फेंक देता , उन्हीं से नौका टूट जाने पर हम लिपट जाते हैं।
प्रेम में स्मृति का ही सुख है. एक तीस उठती है वही तो प्रेम प्राण है. आश्चर्य तो यह है कि प्रत्येक कुमारी के ह्रदय में वह निवास करती है. पर उसे सब प्रत्यक्ष नहीं कर सकती , सबको उसका मार्मिक अनुभव नहीं होता।
तुम्हारे पत्रों की शब्द सरिता में भावनाओं का अमृत बहता है. जो कि इस भीषण संसार के कंटकाकीर्ण संघर्ष पथ पर श्रांत , मेरे मन पथिक को नव जीवन प्रदान करता है.