बुरा ये वक़्त जो आया है गुजर जाएगा
कौन कहता है ये गुलिस्तां बिखर जायेगा
लहू से सदा हँसते हुए इसे सींचा हमने
हमें यही है ये फिर भी सम्हल जायेगा
- नमालूम
कौन कहता है ये गुलिस्तां बिखर जायेगा
लहू से सदा हँसते हुए इसे सींचा हमने
हमें यही है ये फिर भी सम्हल जायेगा
- नमालूम
No comments:
Post a Comment