Monday, April 13, 2015

पल भर में सब बदल गया

पल भर में सब बदल गया और कुछ भी नहीं बदला जो बदला था
वो तो गुज़र गया
- नमालूम
31.05.02

उस रिश्ते से बचने के लिए

वो घर से भाग आई थी
उस रिश्ते से बचने के लिए
जो बिन चाहे उसके दामन से
बाँधा जा रहा था
- नमालूम

नीचे बहता दरिया कह रहा था

नीचे बहता दरिया कह रहा था
आओ, मेरी आगोश में आ जाओ
मैं तुम्हारी बदनामी के सारे दाग छिपा लूँगा
- नमालूम 

पुरानी जींस और गिटार

पुरानी जींस और गिटार
मोहल्ले कि वो छत और मेरे यार
- नमालूम
05.04.02

रफीकों से रकीब अच्छे

रफीकों से रकीब अच्छे जो जल कर नाम लेते हैं
गुलों से खार बेहतर हैं जो दामां थाम लेते हैं
- नमालूम

रह गए

रह गए लाखों कलेजे थाम कर
आँख जिस जानिब तुम्हारी उठ गयी
- नमालूम

Sunday, April 12, 2015

अफ़सोस मैंने

अफ़सोस मैंने रोजे अज़ल ये न कह दिया
दे मुझको सब जहां कि नेमत सिवाए दिल
- नमालूम

हमारे शीशए दिल को

हमारे शीशए दिल को संभल कर हाथ में लेना
नजाकत इसमें इतनी है नज़र से जब गिरा टूटा
- नमालूम
27.08.01

तेरी गली में आकर

तेरी गली में आकर खो गए हैं हम दोनों
दिल मुझको ढूंढता है मैं दिल को ढूंढता हूँ
- नमालूम

दिल टूटने से

दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ तो हुयी
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया
- नमालूम

उजाड़ना सीख दुनिया से

उजाड़ना सीख दुनिया से अगर सर सब्ज होना है
गुलिस्तां लहलहाए बारहा नज़रे खिजां होकर
- नमालूम

न कुछ हम हंस के सीखे हैं

न कुछ हम हंस के सीखे हैं न कुछ हम रो के सीखे हैं
जो कुछ थोड़ा सा सीखे हैं तुम्हारे हो के सीखे हैं
- नमालूम

वो इधर आये उधर रात

वो इधर आये उधर रात ने दम तोड़ दिया
हाय किस वक़्त सितारों को भी नींद आई है
- नमालूम

जब हम बीमार हो जाएँ

जब हम बीमार हो जाएँ तो वो दिन याद करके हम पर अपने पैसे खर्च करना जब हम तुम्हारी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए अपनी ख्वाहिशें कुर्बान करते थे
- नमालूम

जब हम बूढ़े होकर चल न पायें

जब हम बूढ़े होकर चल न पायें तो हमारा सहारा बनना
और अपना पहला कदम याद करना
- नमालूम

जब हम कोई बात भूल जाएँ

जब हम कोई बात भूल जाएँ  तो हम पर गुस्सा मत करना
और अपना बचपन याद करना
- नमालूम

हाथ में जब आइना उठा लेगा

तमाम एब नज़र आयेंगे उसे खुद में वो अपने हाथ में जब आइना उठा लेगा
- नमालूम
18.08.01

जो सच है वही लिखूंगा

जो सच है वही लिखूंगा तू क़त्ल कर दे मुझे
सिवाए जान के मेरी तू और क्या लेगा
- नमालूम

बचा सको तो बचा लो

बचा सको तो बचा लो वजूद को अपने
जमीर बेच के जीने से फायदा क्या है
- नमालूम

जीना है तो दुनिया में

जीना है तो दुनिया में अब इस अदा से जी
आलम में तेरे बाद तेरी दास्ताँ रहे
- नमालूम

यह माना कि तबाही में हैं दुश्मनों के हाथ

यह माना कि तबाही में हैं दुश्मनों के हाथ
कुछ चाल क़यामत की अपने भी चलते हैं
- नमालूम

इरादे लाख बनते हैं

इरादे लाख बनते हैं मगर वो टूट जाते हैं
अजमेर वही आते हैं जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं
- नमालूम

धूल झाड़कर

धूल झाड़कर जब पढ़ी यादों जड़ी किताब
हर पन्ने पर मिल गए सूखे हुए गुलाब
- नमालूम

एक शहंशाह ने

एक शहंशाह ने बनवा कर हसीं ताजमहल
हम गरीबों कि मुहबत का उड़ाया है मजाक
- नमालूम

घड़ी देखी सेकेण्ड कि सुई

घड़ी देखी सेकेण्ड कि सुई
अपने पहरे पे परेड कर रही थी
और अभी तक उसके आने की
कोई आहट नहीं थी
- नमालूम

इधर-उधर कई मंजिलें हैं

इधर-उधर कई मंजिलें हैं
जो चल सको तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
खुद अपने आप से आगे निकल सको तो चलो
- नमालूम

अमन बेच देंगे , चमन बेच देंगे

अमन बेच देंगे , चमन बेच देंगेधरा बेच देंगे गगन बेच देंगे
कलम के पुजारियों ने अगर कलम बंद रखी
तो वतन के पुजारी वतन बेच देंगे
- नमालूम

सर छुपाना

सर छुपाना वो भी इस वस्ती में कोई खेल है
क्या खबर तुमको कि ओढ़नी मंहगी पड़ी
एक ख्वाहिश के लिए क्या-क्या बिका मत पूछिए
मुख़्तसर ये है कि चादर रेशमी मंहगी पड़ी
- नमालूम

तेरी याद आ गयी

तेरी याद आ गयी ग़म ख़ुशी में ढल गए
एक चिराग क्या जला सौ चिराग जल गए
- नमालूम

मंज़र तुम्हारे हुस्न का

मंज़र तुम्हारे हुस्न का सबकी नज़र में है
अब मेरे ऐतवार कि कश्ती भंवर में है
- नमालूम

नेकी मेरी छुप-छुप दुआ मांग रही है

नेकी मेरी छुप-छुप दुआ मांग रही है
रुसवाई मेरे घर का पता मांग रही है
- नमालूम

अहदे नब तेरे मीर हैं हम

अहदे नब तेरे मीर  हैं हम लोग
आप अपनी नजीर हैं हम लोग
- नमालूम

फन कि जुल्फें संवारता हूँ मैं

फन कि जुल्फें संवारता हूँ मैं
मेरा महबूब मेरा फन है
- नमालूम

दिल से हवाए-किस्ते-वफ़ा मिट गयी

दिल से हवाए-किस्ते-वफ़ा मिट गयी कि वां
हासिल सिवाए हसरते हासिल नहीं रहा
- नमालूम

मरने की ए दिल और ही तदबीर कर

मरने की ए दिल और ही तदबीर कर कि मैं
शायाने दस्ते-बाजुए कातिल नहीं रहा
- नमालूम

जाता हूँ दागे हसरते हस्ती लिए हुए

जाता हूँ दागे हसरते हस्ती लिए हुए
हूँ शम्मय कुशता दर्खुरे महफ़िल नहीं रहा
- नमालूम

बागवां है चार दिन की बाग़-ए-आलम में बहार

बागवां है चार दिन की बाग़-ए-आलम में बहार
फूल सब मुरझा गए खली बियाबां रह गया
दौलते-दुनिया न काम आएगीकुछ भी बाद मरग
है ज़मीन में खाक कारूं का खजाना रह गया
- नमालूम

होगा हर एक आह से

होगा हर एक आह से महशर बपा 'रसा'
आशिक का तेरे होश में आना नहीं अच्छा
फसल-ए-गुल में भी रिहाई कि न कुछ सूरत हुई
क़ैद में सय्याद मुझको एक ज़माना हो गया
- नमालूम

खुद-ब-खुद आज तो वो बुत आया

खुद-ब-खुद आज तो वो बुत आया
ये भी दौड़ा ख़ुदा-ख़ुदा करके
तेरी सूरत मुझे भाई मेरा जी जानता है
जो झलक तूने दिखाई मेरा जी जानता है
- नमालूम

नियाजे इश्क

अर्जे नियाजे इश्क के काबिल नहीं रहा जिस दिल पे हमको नाज़ था वो दिल नहीं रहा
- नमालूम
 

लब से तेरे

लब से तेरे अकीके चमन सुर्खुरू हुआ
तेरे ही रुख  ने दी है ये रंगत गुलाब में
- नमालूम

बड़ा है तख़्त-ए-सुलेमा

बड़ा है तख़्त-ए-सुलेमा से रुतबा-ए-ताबूत
कि मेरे लाशें को वह चलते हैं उठाए हुए
- नमालूम

दाग-ए -दिल

दाग-ए -दिल फिर सूरत-ए-लाला मेरा ताजा हुआ
वह चढ़ाने के लिए जब फूल मरकद पे चले आए
- नमालूम

ले चले दो फूल

ले चले दो फूल भी इस बाग़ -ए-आलम से न हम
वाक्के रह्लत हैफ है खली ही दामां रह गया
- नमालूम

शबे जुदाई का सदमा

शबे जुदाई का सदमा नहीं सहा जाता
हराम मौत न होती तो ज़हर खा जाता
- नमालूम

गज़ब है सुरमा देकर

गज़ब है सुरमा देकर आज वह बाहर निकलते हैं
अभी से कुछ दिल-ए-मुस्तर पे अपने तीर चलते हैं
- नमालूम

चेहरे में मेरे

चेहरे में मेरे महके मुकाबिल हो क्या मजाल
यह रंग-ओ-नूर कहाँ है गुल-ए-आफ़ताब में
- नमालूम

बहार आई है

बहार आई है भर दे वादा-ए-गुल्गुं से पैमाना रहे लाखों बरस बाकी तेरा आबाद मयखाना
- नमालूम


संभल बैठो

संभल बैठो अरे मस्तो जरा होश्यार हो जाओ
कि साक़ी हाथ में मय  का लिए पैमाना आता है
- नमालूम

छानी कहाँ न ख़ाक

छानी कहाँ न ख़ाक न पाया कहीं तुम्हें
मिट्टी मेरी खराब अक्स दर-ब-दर हुयी
- नमालूम

बैठे हैं शाम से

बैठे हैं शाम से तेरे दर पे सहर हुई
अफ़सोस ऐ ! क़मर न क्यों मुतलक ख़बर हुयी
-नमालूम

असीराने कफस

असीराने कफस सहन-ए-चमन को याद करते हैं
भला बुलबुल पे यों भी जुल्म सैयाद करते हैं
- नमालूम

चमन को याद कर

चमन को याद कर ये कफस याद करता है
कोई ऐसा सितम दुनिया में ऐ सैयाद करता है
- नमालूम

आशना नहीं मिलता

ख़ुदा मिले तो मिले आशना नहीं मिलता
किसी का कोई नहीं दोस्त सब कहानी है
- नमालूम

आ गयी सर पे कज़ा

आ गयी सर पे कज़ा लो सामान रह गया
ऐ फलक क्या-क्या हमारे दिल में अरमान रह गया
- नमालूम

तुमने अच्छा सहारा

तुमने अच्छा सहारा दिया बेसहारा मुझे कर दिया
कल गले से लगाए मुझे आज ठुकरा दिया बेवफा
- नमालूम

मैं किस कदर

मैं किस कदर मेरे महबूब तुमसे प्यार करूँ
तू अगर झूठ भी बोले तो ऐतबार करूँ
- नमालूम

अंगड़ाई पे अंगड़ाई

अंगड़ाई पे अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की
- नमालूम

साकी तेरी नज़र है

साकी तेरी नज़र है या खंज़र शराब में
इक चाँद देखता हूँ मैं अक्सर शराब में
- नमालूम

ग़ज़ल में बंदिशे अलफ़ाज़

ग़ज़ल में बंदिशे अलफ़ाज़ नहीं काफी
जिगर का खून भी चाहिए
-नमालूम 

मजे इश्क

मजे इश्क के वो ही जानते हैं
मौत को जो ज़िन्दगी मानते हैं
- नमालूम

वज्म है उनकी

वज्म है उनकी हम क्या लाये
प्यासे गए और प्यासे आए
- नमालूम

दर्दे दिल

दर्दे दिल क्या बांटने की चीज है
बाँट लें अपने पराये दर्दे दिल
- नमालूम

इक रिदायेतीर्गी

इक रिदायेतीर्गी  है और ख्वाबेकायनात 
डूबते जाते हैं तारे , भीगती जाती है रात
- नमालूम

या तुम ही किसी के हो न सके

ये आज फिजा खामोश है क्यूँ , हर ज़र्रे को आखिर होश है क्यूँ
या तुम ही किसी के हो न सके या कोई तुम्हारा हो न सका
मौजें भी हमारी हो न सकीं , तूफां भी हमारा हो न सका
- नमालूम

बादशाहों की मुअत्तर

बादशाहों की मुअत्तर ख्वाब्गाहों में कहाँ वह मज़ा जो भीगी-भीगी घास पे सोने में है
मुतमइन बेफिक्र लोगों की हंसी में भी कहाँ
लुत्फ़ जो एक दूसरे को देखकर रोने में है
- नमालूम
27.05.01

आसमानों को नींद नहीं आती

कौन ये ले रहा है अंगड़ाईयां
आसमानों को नींद नहीं आती
- नमालूम

मकतबे इश्क

मकतबे इश्क में इक ढंग निराला देखा
उसको छुट्टी न मिली जिसको सबक याद हुआ
- नमालूम

कैफ बरदोश

कैफ बरदोश बादलों को न देख
बेखबर, तू न कुचल जाये कहीं
- नमालूम

गुदाजे इश्क़ नहीं

गुदाजे इश्क़ नहीं कम जो दिल जवां न रहा
वही है आग मगर आग में धुआं न रहा
- नमालूम

यादों के हंसी

यादों के हंसी बुतखाने हर चीज उठा दी जाएगी
फिर कोई न पूछेगा सरदार कहाँ है महफ़िल में
- नमालूम

आज भी दिल में

आज भी दिल में मेरे दर्द की लज्जत है वही
भूलने वाले मुझे तुझसे मुहब्बत है वही
- नमालूम

सजा ये कैसी

सजा ये कैसी मिली हमको दिल लगाने की
कि रो रहे हैं तमन्ना थी मुस्कुराने की
- नमालूम

कहीं ऐसा न हो

कहीं ऐसा न हो दामन बचा लो
हमारे आंसुओं पर ख़ाक डालो
- नमालूम

तेरे चेहरे से

तेरे चेहरे से सरकते हुए आँचल की कसम
मैंने एक चाँद को बदली से निकलते देखा
- नमालूम

तू बहुत दूर है नज़रों

तू बहुत दूर है नज़रों की हदों से लेकिन
हम हर एक पल तुझे जीने की दुआ देते हैं
- नमालूम

दुश्मन के हर फरेब से

दुश्मन के हर फरेब से वाकिफ तो हूँ मगर
अहबाब के खुलूस से घबरा रहा हूँ मैं
- नमालूम 

दिल दे तो इस मिजाज़

दिल दे तो इस मिजाज़ का परवर दिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुजार दे
-नमालूम

तहजीब के मोती

तहजीब के मोती को आँचल पे सजा रखना
पहलू में दिले मुखलिस आँखों में हया रखना
- नमालूम

कभी हम थे कि रोतों को हंसा देते थे

कभी हम थे कि रोतों को हंसा देते थे
अब वही हम हैं कि थमता नहीं आंसू अपना
- नमालूम

सितम करने वाले

सितम करने वाले करम क्या करेंगे
वफ़ा वो करेंगे तो हम क्या करेंगे
- नमालूम

वही महसूस करते हैं

वही महसूस करते हैं ख़लिश दर्दे मुहब्बत की
जो अपने आप से बढ़कर किसी को प्यार करते हैं
- नमालूम

सय्याद आ गया

बिजली गिरी कभी-कभी सय्याद आ गया हमने तो चार दिन भी न देखे बहार के
- नमालूम


न दौलत से न दुनिया से

न दौलत से न दुनिया से न घर आबाद करने से
तसल्ली दिल को मिलती है ख़ुदा को याद करने से
- नमालूम

उड़ने लगे वजूद रेज़े

उड़ने लगे वजूद रेज़े हवा के साथ
मैं इस कदर खुलूस से बिखरी कभी न थी
- नमालूम

ऐसे रहा करो

ऐसे रहा करो कि करें लोग आरजू
ऐसे चलन चलो कि ज़माना मिसाल दे
- नमालूम

हर रोज सोचता हूँ

हर रोज सोचता हूँ तुम्हें भूल जाऊंमैं
लेकिन ये बात याद न आये तो क्या करूँ
- नमालूम

एक शख्स मेरे दिल

एक शख्स मेरे दिल में ऐसे उतर गया
जैसे वह जानता था मेरे दिल का रास्ता
- नमालूम

एक शख्स मेरे दिल

एक शख्स मेरे दिल में ऐसे उतर गया
जैसे वह जानता था मेरे दिल का रास्ता
- नमालूम

एक शख्स मेरे दिल

एक शख्स मेरे दिल में ऐसे उतर गया
जैसे वह जानता था मेरे दिल का रास्ता
- नमालूम

देखी गयी जो मुझसे

देखी गयी जो मुझसे न तारीकिये चमन
घबरा के मैंने अपना नशेमन जला दिया
- नमालूम

फिर न सिमटेगी

फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जाएगी
ज़िन्दगी जुल्फ नहीं है जो संवर जाएगी
- नमालूम

फिर न सिमटेगी

फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जाएगी
ज़िन्दगी जुल्फ नहीं है जो संवर जाएगी
- नमालूम

आज किसी की बातें

आज किसी की बातें सुनकर दिल में नश्तर टूट गए
ऊपर से खामोश रहे हम अन्दर अन्दर टूट गए
- नमालूम

हौसले जब बुलंद होते हैं

हौसले जब बुलंद होते हैं
बढ़के मंजिल सलाम करती है
- नमालूम

यही आंसू कभी बनता है

यही आंसू कभी बनता है मोती और कभी शबनम
कोई शय एक मरकज पर मगर हरदम नहीं रहती
- नमालूम

अहले जुनूं का साथ

अहले जुनूं का साथ कहाँ दे सकेंगे आप
आया नहीं है आप में दीवानापन अभी
- नमालूम

देखो बना के हमको

देखो बना के हमको भी गुलशन का बागवां
एक एक कली  के नाज़ उठाते रहेंगे हम
- नमालूम

तोड़ना दम रात

तोड़ना दम रात का शबनम का रोना देखकर
यूँ कली के होठों पे ऐसी हंसी आई की बस
- नमालूम

आतिशे फिक्र में

आतिशे फिक्र में अहसास जला है बरसों
तब कहीं जा के ये अंदाजे कलाम आया है
- नमालूम