Wednesday, April 1, 2015

मेरा समूचा गुस्सा काफूर हो गया था

मेरा समूचा गुस्सा काफूर हो गया था और मन में आया था कि दौड़कर उससे जा मिलूं . पर सभी समाज में मन की सभी उमंगें तन की क्रियाओं में अनूदित नहीं हो पाती.

- नमालूम

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