Wednesday, April 1, 2015

कुसुम से भी कोमल

कुसुम से भी कोमल , वज्र से भी कठोर विभूति व्यक्तित्व वाले विरले ही अवतरित होकर धरा को धन्य बनाते हैं.
- नमालूम

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