माना कि अज्म तर्क तमन्ना करेंगे हम
तेरे बगैर जी कर भला क्या करेंगे हम
कम होगी जब चिरागे मुहब्बत की रौशनी
तो दिल को जला-जला के उजाला करेंगे हम
- नमालूम
तेरे बगैर जी कर भला क्या करेंगे हम
कम होगी जब चिरागे मुहब्बत की रौशनी
तो दिल को जला-जला के उजाला करेंगे हम
- नमालूम