मुझे दर्दे दिल दे के न बेकरार करना
मेरे बस का अब नहीं है तेरा इंतज़ार करना
लेकिन,
अब मेरी इन्हें तलब है
मेरी राह तक रहे हैं
अब उन्हें पड़ रहा है मेरा इंतज़ार करना
शबे ग़म की रात मुझसे न पूछ मेरे हमदम
करवटें बदलना कभी जिक्रे यार करना
- नमालूम
मेरे बस का अब नहीं है तेरा इंतज़ार करना
लेकिन,
अब मेरी इन्हें तलब है
मेरी राह तक रहे हैं
अब उन्हें पड़ रहा है मेरा इंतज़ार करना
शबे ग़म की रात मुझसे न पूछ मेरे हमदम
करवटें बदलना कभी जिक्रे यार करना
- नमालूम
No comments:
Post a Comment