मैं सांस लेता हूं तेरी खुशबू आती है
Sunday, April 12, 2015
इरादे लाख बनते हैं
इरादे लाख बनते हैं मगर वो टूट जाते हैं
अजमेर वही आते हैं जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं
- नमालूम
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