मेरा जीवन एक सपाट ,समतल मैदान है , जिसमें कहीं -कहीं गड्ढ़े तो हैं पर
टीलों ,पर्वतों ,घने जंगलों , गहरी घाटियों का कोई स्थान नहीं है . जो
सज्जन पहाड़ों की सैर के शौक़ीन हैं , उन्हें तो यहाँ निराशा ही मिलेगी.
स्त्री पुरुष से उतनी ही श्रेष्ठ है, जितना प्रकाश अँधेरे से . पुरुष के
लिए क्षमा , त्याग और अहिंसा जीवन के उच्चतम आदर्श हैं. नारी नारी इस
आदर्श को पहले से प्राप्त कर चुकी है.