Thursday, April 9, 2015

ये कैसी कसक तुमने

ये कैसी कसक तुमने इस दिल को लगायी है
जिसने भी हमें लूटा जी भर के दुआ पायी है
मेरे जाने जां , मेरी ज़िन्दगी के मालिक !
इक बार तुम्हें देखा , सौ बार दुआ दी है
जो दर्द करे दिल में , दिल फिर भी उसे चाहे
ये इश्क भी कुदरत ने क्या चीज बना दी है
बीमार मेरा दिल था , ये उसने किया ऐसा
जुल्फों की हवा देकर आँखों से पिला दी है

- नमालूम

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