Saturday, April 11, 2015

ये दर्पणों के बीच कहाँ रख दिया मुझे

दुनिया के वास्ते न तमाशा बना मुझे
यूँ ताश के महल की तरह मत गिरा मुझे
मंदिर के दिए तक मेरा एक रूप था
ये दर्पणों के बीच कहाँ रख दिया मुझे
- नमालूम

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