Wednesday, April 1, 2015

अतीत हमारा अपना ही है

अतीत हमारा अपना ही है हम वह कभी, किसी को देना नहीं चाहते हैं. कभी-कभी वर्तमान को बचाने के लिए अतीत के कुछ क्षणों को महाकाल के यहाँ बांधकर रख आते हैं. आज मैं अतीत को वापस ले आने के लिए महाकाल के यहाँ गया था.

- नमालूम

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