Saturday, December 27, 2014

लोकतंत्र के पहरेदारो

चूल्हे बांटे , चौके बांटे , बांटा खेत मकान को
लोकतंत्र के पहरेदारो , मत बांटो इंसान को

- नमालूम

हमने आँखों में

हमने आँखों में अपने आंसुओं को पाला है
हर एक ग़म को हमने मसर्रत से पाला है

- नमालूम

रंग चेहरे के उतर जायेंगे

रंग चेहरे के उतर जायेंगे , बंद कमरों में सिमट जायेंगे
जुल्म तो रेत के घरोंदे हैं , एक ठोकर में बिखर जायेंगे

- नमालूम

बरसातों के गहरे जल का

बरसातों  के गहरे जल का , ताल निखरता जाए
रफ्ता-रफ्ता धुंधला चेहरा, साफ़ झलकता जाए

- नमालूम

वो अफसाना

वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ देना ही अच्छा

- नमालूम

वो मेरा रौनके महफ़िल कहाँ है

वो मेरा रौनके महफ़िल कहाँ है , मेरा बिजली मेरा हासिल कहाँ है
मुकाम उसका है इन दिल की खल्वतों में , ख़ुदा जाने मुकामे दिल कहाँ है

- नमालूम

बहुत हसीं हैं सोहबतें

बहुत हसीं हैं सोहबतें गुलों की मगर
ज़िन्दगी वो है जो काँटों के दरमियाँ गुज़रे

- नमालूम

मेरे आंसुओं को या रब

मेरे आंसुओं को या रब है तलाश आज किसकी
किसे ढूँढने चले हैं , मेरी आँखों से निकल-निकल कर

- नमालूम

छुपायी चोट उल्फत की

छुपायी चोट उल्फत की बहुत, पर क्या करें इसको
जिगर के चन्द टुकड़े आंसुओं में आ गिरे

- नमालूम

तसव्वुरे जानां किये हुए

दिल ढूँढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुरे जानां किये हुए

- गुलज़ार 

जुस्तुजू है

जुस्तुजू है खुद के दीदार की
पर रूबरू आईना नहीं मिलता

- नमालूम

मरने के बाद भी

मरने के बाद भी मेरी आँखें खुली रहीं
आदत पड़ी थी जिन्हें जो इंतज़ार की

- नमालूम

ऐ ! बादल जरा थम के बरस

ऐ ! बादल जरा थम के बरस , कि कहीं वो आ न पायें
उसके बाद फिर जम के बरस , इतना बरस कि वो जा न पायें

- नमालूम

जिस दिल को हुआ न

जिस दिल को हुआ न दर्द कभी , वह दर्द की हालत क्या जाने
अपने को खबर उनकी ही नहीं , वह गैर की हालत क्या जाने

- नमालूम

जो सच पूछो

जो सच पूछो तो शायद अपने किए कुछ नहीं होता
ख़ुदा की देन है , इन्सान का मशहूर हो जाना

- नमालूम

उधर हम दुश्मनों

उधर हम दुश्मनों की घात से बच कर निकले
इधर देखा तो कुछ अहबाब भी खंजर संभाले बैठे हैं

- नमालूम

Friday, December 26, 2014

नारी ! तुम केवल श्रृद्धा हो

नारी ! तुम केवल श्रृद्धा हो विश्वास रजत नाग पगतल में
पीयूष स्रोत ही बहा करो जीवनके सुन्दर समतल में

- नमालूम

जिसके ह्रदय सदा समीप

जिसके ह्रदय सदा समीप हैं वही दूर जाता है
और क्रोध होता उस पर ही जिससे कुछ नाता है

- नमालूम

तेरी जुस्तुजू में हम ख़ुदा तक पहुँच गए

तेरी जुस्तुजू में हम ख़ुदा तक पहुँच गए
लेकिन तेरा पता न चला तेरे शहर में

- नमालूम

है रीत आशिकों की

है रीत आशिकों की तन-मन निसार करना
रोना सितम उठाना और उनको प्यार करना

- नमालूम

तू मुझे मार भी दे ऐ दोस्त !

तू मुझे मार भी दे ऐ दोस्त !
पर ये लहू के छींटे तेरे दामन को छू लेंगे

-नमालूम

ताकि दीदार-ए-यार हो सके

मेरी मय्यत को सनम की गली से ले जाना
ताकि दीदार-ए-यार हो सके

- नमालूम

ये मुमकिन न बना पाए

ये मुमकिन न बना पाए कोई ताजमहल
मगर हर दिल में मुमताज रहती है

- नमालूम

आलस भरी सुबहें

आलस भरी सुबहें , और उमस भरी शाम
कहो ख़त लिखूं , गीतों के नाम

- नमालूम

बरसात के बादल

आँखों में मेरी छाये हैं बरसात के बादल बादल की तरह क्या पीट के रोना जरूरी है

- नमालूम


फूलों की बरसात हुयी

फूलों की बरसात हुयी अंगनाई में
हार गले से टूट गए अंगड़ाई में

- नमालूम

कितनी अजीब बात है

कितनी अजीब बात है, इस दौर में भी लोग
हथियार दाल देते हैं , मुकद्दर के सामने

- नमालूम

उनको शायद ही पता हो

उनको शायद ही पता हो बेबसी क्या चीज है
हमने तो अब तक न जाना ज़िन्दगी क्या चीज है

- नमालूम

एक क़तरे की तलब

हम पपीहे हैं हमें है एक क़तरे की तलब
हम कहाँ ले जाएँ इस मसहर नुमा बरसात को

- नमालूम

उन मीठी-मीठी बातों में

यह यास का सन्नाटा तो न था , जब आस लगाये सुनते थे
माना कि था धोखा ही धोखा , उन मीठी-मीठी बातों में

- नमालूम

उनकी नज़र ने झुक के कहा

कुछ मेरी नज़र ने उठ के कहा , कुछ उनकी नज़र ने झुक के कहा
झगड़ा जो न बरसों में चुकता, टप हो गया बातों-बातों में

- नमालूम

बरसात की भीगी रातों में

बहला के सवेरा करते हैं इस दिल को उन्हीं की बातों में
दिल जलता है अपना जिनकी तरह बरसात की भीगी रातों में

- नमालूम

मुझे जी भर के रोने दो

क़सम ले लो जो शिकवा हो तुम्हारी बेवफाई का
किए को अपने रोता हूँ , मुझे जी भर के रोने दो

- नमालूम

दुनियाये उल्फत

यही दुनियाये उल्फत में , हुआ करता है होने दो
तुम्हें हँसना मुबारक हो , कोई रोता है रोने दो

- नमालूम

ताउम्र बियाबां मेरी ज़िन्दगी रही

ताउम्र बियाबां मेरी ज़िन्दगी रही
एक सख्त इम्तेहान मेरी ज़िन्दगी रही

- नमालूम

इसीलिए लोग ख़फा रहते हैं

इसीलिए लोग ख़फा रहते हैं मुझसे
मैं अपने दिल को जुबां पर रखता हूँ

- नमालूम

चाहे जितने भी

चाहे जितने भी सितारे क्यूँ न हों , इस चमन में
मेरे चाँद का जवाब नहीं

- नमालूम

तुम मुझे इस तरह

तुम मुझे इस तरह भुला न पाओगी
जब भी देखोगी आईने में खुद को
मेरी ही तस्वीर नज़र आएगी

- नमालूम

दिल से न निकलेगी

दिल से न निकलेगी , मरकर वतन की उल्फत
मेरी कब्र की मिट्टी से खुशबु-ए-वफ़ा आएगी

- नमालूम

मैं जाता हूँ

मैं जाता हूँ दिल को तेरे पास छोड़
मेरी याद तुझको दिलाता रहेगा

- नमालूम

Wednesday, December 24, 2014

दिल के आईने में है

दिल के आईने में है तस्वीर यार की
जरा गर्दन झुकाई कि देख ली

- नमालूम

ऐ हुजूमे ग़म !

ठेस न लग जाए उनको , हसरते दीदार को
ऐ हुजूमे ग़म ! सँभलने दे जरा बीमार को

- नमालूम

जब से सुना है

जब से सुना है कि मरने का नाम ज़िन्दगी है
सर पे कफ़न बाँध , कातिल को ढूंढते हैं

- नमालूम

फानूस को देखा

फानूस को देखा परवानों ने तो बोले
क्यों जलाते हो हमको , जलने क्यों नहीं देते

- नमालूम

जो तेरी याद में गुजर जाए

शब वही शब , दिन वही है दिन
जो तेरी याद में गुजर जाए

- नमालूम

आते-आते इधर यादें रह गयीं

मेरे घर की तरफ धूप की पीठ थी
आते-आते इधर यादें रह गयीं

- नमालूम

किसी कमजर्फ को

किसी कमजर्फ को बेदाद मारा तो क्या मारा
जो खुद ही मर रहा हो उसको मारा तो क्या मारा

- नमालूम

एक अब्र का टुकड़ा

एक अब्र का टुकड़ा कहाँ-कहाँ बरसे
सारा का सारा दस्ता प्यासा जान पड़ता है

- नमालूम

Thursday, December 18, 2014

मुश्किलें इतनी पड़ी

मुश्किलें इतनी पड़ी मुझ पर
कि आसां हो गयीं.

- नमालूम

ये कातिलनमा हमला तनहा में न कीजिये

ये कातिलनमा हमला तनहा में न कीजिये
यानी आँखों में आँख डाल मुस्कुराना बंद कीजिये

- नमालूम

यूँ आईने से लगे बैठे

यूँ आईने से लगे बैठे , खूब अपने को निहारा करते हैं
जो कभी मेरा ही अक्स इसमें भी नज़र आया तो क्या करेंगे

- नमालूम

बहुत दूर तक साथ ग़मों ने दिए

बहुत दूर तक साथ ग़मों ने दिए
जब मैं न थका तो खुद थक गए

- नमालूम

क़दम चूम लेती है मंजिल

क़दम चूम लेती है मंजिल खुद बढ़कर
अगर मुसाफिर हिम्मत न हारे

- नमालूम

लिखा जो दर्द किस्मत में

लिखा जो दर्द किस्मत में ख़ुदा को क्या याद करना
जहाँ बेदर्द हाकिम हो वहां फ़रियाद क्या करना

- नमालूम

खुली रहीं आँखें मेरी

खुली रहीं आँखें मेरी , मरने के बाद भी
भला इससे बड़ा इंतज़ार क्या होता

- नमालूम

बता मुझे ओ जहाँ के मालिक

बता मुझे ओ जहाँ के मालिक , क्या नज़ारे दिखा रहा है
तेरे पास क्या कमी है , जो मुझको रुला रहा है

- नमालूम

Wednesday, December 17, 2014

तुम्हें गैरों से कब फुर्सत

तुम्हें गैरों से कब फुर्सत , हम अपनों से कब खाली
चलो हो चुका मिलना अब, न हम खाली, न तुम खाली

- नमालूम


दरमियाँ बादलों के

दरमियाँ बादलों के बीच न जाने क्या साजिश हुयी
बारिश वहीँ हुयी जिसका घर मिटटी का था

- नमालूम

डाली पर

डाली पर , जिसने भी नज़र डाली, बुरी नज़र डाली
मैंने जिस डाली पे नज़र डाली उस डाली को माली ने काट डाला

- नमालूम

जिसने खायी कसम

जिसने खायी कसम ज़िन्दगी की ज़िन्दगी ने उसे मार डाला
झूमती ज़िन्दगी के गले में हार कर , हार ने, हार डाला

- नमालूम

Friday, December 5, 2014

सितारों के तारों की धुन

सितारों के तारों की धुन तो सबने सुनी है
साँसों पे क्या गुजरी है वो किस दिल को पता है

- नमालूम

अजब शहर का मंजर

अजब शहर का मंजर मुझे मिला
हाथों में फूल और फूल में खंजर निकला

- नमालूम

मैंने चाहा आपको

मैंने चाहा आपको और आपने चाहा किसी और को
ख़ुदा न करे कि जिसे आप चाहें , वो भी चाहे किसी और को

- नमालूम

मुझे तो अपनों ने लूटा

मुझे तो अपनों ने लूटा , गैरों में कहाँ दम है
मेरी कश्ती वहीँ डूबी, पानी जहाँ कम था

- नमालूम

तुम आ जाना मेरे पास

तुम आ जाना मेरे पास
मेरी ज़िन्दगी
मेरी ज़िन्दगी के साथ

- नमालूम

जेरे शमसीर मेरा सर है

जेरे शमसीर मेरा सर है झुकाऊं किसको
एक हमबार महशर है पुकारूं किसको
कोई दुश्मन हो तो मैं उसके मुक़ाबिल आऊँ
दोस्त के हाथ में खंजर है पुकारूँ किसको

- नमालूम

बंद दरवाजे पर

बंद दरवाजे पर
दस्तक दे रहे हो
क्या कभी
मिलना तुम्हारा
हो सकेगा ?

- नमालूम

ऐसी नहीं थी बात

ऐसी नहीं थी बात कि कद मेरे घट गए
चादर को अपनी देखकर हम खुद ही सिमट गए
जब हाथों में कलम था अल्फाज नहीं थे
अब लफ्ज मिल गए तो हाथ कट गए

- नमालूम

शीशे के बदन वालो

शीशे के बदन वालो
चुपके से निकल लो
कुछ लोग अँधेरे में पत्थर लिए बैठे हैं

- नमालूम

तू कातिल तेरी नज़र कातिल

तू कातिल तेरी नज़र कातिल
तेरे गाल पर काला टिल कातिल
ऐ हसीना आईने में न देख
कहीं मिल न जाए कातिल-कातिल

- नमालूम

उस चाँद से हमें कोई सरोकार नहीं

उस चाँद से हमें कोई सरोकार नहीं
जिसमें तेरे प्यार की रौशनी नहीं
राह दिखायेंगे हमें तो सिर्फ वही तारे
जो तेरी लौ-ए-मुहब्बत से चमकते हैं

- नमालूम

Thursday, December 4, 2014

होके मायूस न यों शाम से ढलते रहिये

होके मायूस न यों शाम से ढलते रहिये
ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे
धीरे,धीरे ही सही राह पर चलते रहिये

- नमालूम

Wednesday, December 3, 2014

इस शहर के लोगों के नक़्शे अधूरे हैं

इस शहर के लोगों के नक़्शे अधूरे हैं
हँसते हुए लोगों के रोते हुए चेहरे हैं
दिल के तराजू पर फैसला करे कोई
मेरी आँख भी नम है उसकी आँख भी नम है

- नमालूम


मैं यह जानता हूँ

मैं यह जानता हूँ कि यह हवा उड़ा ले जाना
जंगल की वीरानी में
इसीलिए मेरी दोस्ती सितारों से है

- नमालूम

तृप्ति जिस पर टिके

तृप्ति जिस पर टिके वह धुरी चाहिए
मन जहाँ राम सके वह पूरी चाहिए
द्वन्द सारे जगत के सिमट जायेंगे
एक सहज प्रेम की वांसुरी चाहिए

- नमालूम

रूप विम्ब केवल नमन के लिए

रूप विम्ब केवल नमन के लिए
शब्द के स्रोत केवल श्रवण के लिए
मन के लिए तो केवल तपन देह की
जैसे तपती है धरती गगन के लिए

- नमालूम

ज़िन्दगी प्यार का मधुमास है

ज़िन्दगी न तृप्ति है , न प्यास है ज़िन्दगी न आस है, न विश्वास है
ज़िन्दगी को जीकर देखिये
ज़िन्दगी प्यार का मधुमास है

- नमालूम

शुभकामना जो मिली तुम्हारी

शुभकामना जो मिली तुम्हारी
ह्रदय वीणा से झंकृत हुयी
मन हुआ आह्लादित
खिल गयी जैसे अधखिली कली

- नमालूम

स्वप्न के दायरे से निकल जायेंगे

स्वप्न के दायरे से निकल जायेंगे
आपकी ही तरह हम संभल जायेंगे
पतझड़ में सुमन के चलन की तरह
आप बदले हैं हम भी बदल जायेंगे

- नमालूम

जिनकी बाहों में जग के

जिनकी बाहों में जग के
काया कंचन हो जाती थी
आज उन्हीं के आगे हम
बुत हैं अपनी मजबूरी में
हमने अपना क्या-क्या खोया
चाहत की मशहूरी में

- नमालूम

कौन मिलता है बेसहारों से

दिल ये नासूर बनके उभरी है
चोट खायी है जो भी चारों से
कौन होता है किसके ग़म में शरीक
कौन मिलता है बेसहारों से

- नमालूम

इक तेरी जुदाई

इक तेरी जुदाई में ये बात नज़र आई
चुभने लगे सन्नाटे डसने लगी तन्हाई
हमने सलीके से जख्मों को छुपाया था
ज़िक्र हुआ उसका तो फिर चोट उभर आई

- नमालूम

राह दर राह

राह दर राह गुबारों में भटकने वाले
तू भी इस बार किसी राह की मंजिल हो जा
मांगने से तो यहाँ मिलती न चीज कोई
अपने हक़ के लिए दुनिया के मुकाबिल हो जा

- नमालूम

चलो अच्छा हुआ

चलो अच्छा हुआ अपने में से कोई बेगाना तो निकला
गर सभी अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते
दुनिया ही चमन होती तो बीराने कहाँ जाते

- नमालूम

मसर्रत पे रिवाजों का सख्त पहरा है

मसर्रत पे रिवाजों का सख्त पहरा है
न जाने किस उम्मीद पे ये दिल ठहरा है
मेरी आँखों में छलकते हुए इस ग़म की कसम
ऐ दोस्त दिल का रिश्ता बहुत ही गहरा है

- नमालूम

चित्र खींचती थी

चित्र खींचती थी जब चपला
नील मेघ पट पर वह विरला
मेरी जीवन स्मृति के जिसमें
खिल उठते वे रूप मधुर थे
वे कुछ दिन कितने सुन्दर थे

- नमालूम

तेरी इक झलक की

तेरी इक झलक की बीमार आँखें
तेर अचहती हैं दीदार आँखें
जो देख लें तुझे इक बार आँखें
हो जाएँ अच्छी बीमार आँखें

- नमालूम

Monday, December 1, 2014

पाए हैं मान पत्र

चले हैं राह में तो कंकड़ भी मिलेंगे
पाए हैं मान पत्र तो पत्थर भी मिलेंगे
चले थे कागज़ के तोप लेकर ,पर
क्या बारूद के दफ्तर भी मिलेंगे

- नमालूम

तमन्ना न हुयी पूरी

अपनों ने मुझको लूट के पागल बना दिया ग़मे ज़िन्दगी ने मुझको घायल बना दिया
कुछ बनाना चाहा भी मैंने , तमन्ना न हुयी पूरी
मेरी ज़िन्दगी के जन्मदाता ये तूने क्या किया

- नमालूम


ऐ ख़त उनकी जुल्फों को शाम कहना

ऐ ख़त उनकी जुल्फों को शाम कहना
उनकी आँखों को जाम कहना
जब सामने आये आईने के तो
उनको मेरा सलाम कहना

- नमालूम

तुम अपने सुख से सुखी रहो

तुम अपने सुख से सुखी रहो , मुझको दुःख पाने दो स्वतंत्र
मन की परवशता महादुःख मैं यही जपूंगा महामंत्र
लो चला आज मैं छोड़ यही संचित संवेदन भार पुंज
मुझको कांटे ही मिले धन्य ! हो सफल तुम्हें ही कुसुम कुञ्ज

- नमालूम

तेरे सुख को मात्र

तेरे सुख को मात्र मैं सौभाग्य मानूँ
तेरे हर दुःख को दुर्भाग्य मानूँ
और जब भी आ पड़े तेरे लिए तो
अपना सब बलिदान कर उपकार मानूँ

- नमालूम

Friday, November 28, 2014

वो खाक छुएंगे ऊचाईयों को

वो खाक छुएंगे ऊचाईयों को
जो ज़मीं पे आसमां उठा रखे हैं
जलता हूँ जिनके लिए शमा बनकर
वे ही रास्ते में आंधियां उठा रखे हैं

- नमालूम

हुए थे आँखों के

हुए थे आँखों के कल क्या इशारे
इधर हमारे उधर तुम्हारे
चले अश्कों के क्या फव्वारे
इधर हमारे उधर तुम्हारे

 - नमालूम

था जिनकी खातिर

था जिनकी खातिर नाच किया
जब मूरत उनकी आएगी
कहीं आप गया कहीं नाच गया
और तान कहीं लहराएगी

- नमालूम

नाव मझधार में है

नाव मझधार में है बचा लीजिये
घोर तम है मशाल जला लीजिये
देश में उन्माद फिर बढ़ रहा है
बन कर शम्भू  ज़हर पचा लीजिए

-नमालूम

जीवन तो वैसे सबका है

जीवन तो वैसे सबका है
आप जीवन के श्रृंगार बनें
इतिहास आपकी साख बने 
आप राखों का अंगार बनें

- नमालूम

मंगलमय हो मार्ग आपका

मंगलमय हो मार्ग आपका
वायु बिछाए कोमल फूल
श्याम घटायें छाया दे दे
सदा परिस्थितियां रहें अनुकूल

- नमालूम

मेरी आरजू है

मेरी आरजू है तुम्हें इतना इतना चाहूँ कि
तुम बीती बातों का ग़म भूल जाओ
तुम्हें रास आ जाए मेरी मुहब्बत
ज़माने के सारे सितम भूल जाओ

- नमालूम

वो दिल ही क्या

वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे
मैं तुझे भूल कर भी जिंदा रहूँ ख़ुदा न करे
रहेगी तेरी याद मेरे साथ ज़िन्दगी बनकर
ये और बात है कि मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे

- नमालूम

Thursday, November 27, 2014

फिर मुझे तेरी अदा याद आई

आपको मेरी वफ़ा याद आई
खैर है आज यह क्या याद आई
फिर मेरे सीने में इक हूक उठी
फिर मुझे तेरी अदा याद आई

- नमालूम

बिगड़ी बात बनाकर देखो

अपनी जुबां कटाकर देखो
बिगड़ी बात बनाकर देखो
बात की ईंट बजाने वालो
ईंट से ईंट बजाकर देखो

- नमालूम

Wednesday, November 26, 2014

ऐसा हिन्दुस्तान बना दे या अल्लाह

इन आँखों से तेरे नाम की बारिश हो पत्थर नहीं इंसान बना दे या अल्लाह
सहमा दिल, टूटी कश्ती , चढ़ता दरिया
हर मुश्किल आसां बना दे या अल्लाह
चाँद सितारे झुक कर क़दमों को चूमे
ऐसा हिन्दुस्तान बना दे या अल्लाह

- नमालूम

मुर्दा दिलों को

मुर्दा दिलों को रास कब आई है ज़िन्दगी
हमने तो पत्थर में भी पायी है ज़िन्दगी
इस बेवफा का क्या है कब साथ छोड़ दे
अपनी नहीं पराई है ज़िन्दगी

- नमालूम

चाह मधुवन की

चाह मधुवन की बहुत होती है
राह छितवन की बहुत होती है
धूप में जल रहे पथिक के भी
छाह चितवन की बहुत होती है

- नमालूम

आजकल मैं भी वही हूँ

आजकल मैं भी वही हूँ जो दुनिया है
अँधेरे में फिर उजाले मांगते हैं
लहू में रात वाले मांगते हैं
तुम्हारे पाँव गुल, कूचे हिना के
हमारे पाँव छाले मांगते हैं

- नमालूम

फूलों की तरह अपना भी

फूलों की तरह अपना भी मुरझा गया चेहरा
जब शहर के मौसम के मुताबिक न रहे हम
ये बात अलग हमको न अपनाएँ तेरे लोग
ऐ जाने वतन कब तेरे आशिक न रहें हम

- नमालूम

तुम क्या जानो

तुम क्या जानो अपने आप से मैं कितना
शर्मिंदा हूँ
छूट गया साथ तुम्हारा और अभी तक
जिंदा हूँ

- नमालूम

दरवाजे पर दहशत है

दरवाजे पर दहशत है तो कमरों में उदासी
मुद्दत से कोई हँसता हुआ घर नहीं देखा
ऊपर से सटे तो लगते हैं , अन्दर से कटे हैं
अलगाव का ऐसा कभी मंजर नहीं देखा

- नमालूम

गीत के स्वर अचानक बदलने लगे

गीत के स्वर अचानक बदलने लगे
प्रीति के दायरे सिमटने लगे
साथ देने का वादा बहारों का था
जब पुकारा उन्हें तो वो मुकरने लगे

- नमालूम

अश्क शबनम में

अश्क शबनम में डूब जाते हैं
ज़ख्म मलहम में डूब जाते हैं
जब आपका पत्र नहीं मिलता
तो हम आपके ग़म में डूब जाते हैं

- नमालूम

मानता हूँ

मानता हूँ गरम होना ठीक नहीं
पर नरम होना बुरा है
देखते नहीं
पड़ोसी के हाथ में छुरा है

- नमालूम

होठों के पास आये हंसी

होठों के पास आये हंसी क्या मजाल है
यह दिल का मामला है कोई दिल्लगी नहीं

- नमालूम

ये दुनिया क्या है

ये दुनिया क्या है, ग़म का दरिया है
न जीना यहाँ बस में न मरना यहाँ बस में

- नमालूम

न मुंह छिपा के जियो

न मुंह छिपा के जियो , न सर झुका के जियो
ग़मों का दौर भी आये तो मुस्कुरा के जियो

- नमालूम

दोस्ती वह भी गरज से

दोस्ती वह भी गरज से
दोस्ती नहीं तिजारत है

- नमालूम

इश्क़ ने हमें

इश्क़ ने हमें निकम्मा कर दिया ग़ालिब
वर्ना हम भी थे आदमी काम के
- ग़ालिब

मतलब की दुनिया में

मतलब की दुनिया में, कौन किसी का होता है
धोखा देते हैं वही जिन पर ऐतवार होता है

- नमालूम

ज़िन्दगी इक बेवफा है

ज़िन्दगी इक बेवफा है , इक दिन हमें ठुकराएगी
मौत ही है अपनी दिलरुवा, जो साथ लेकर जाएगी

- नमालूम

भक्ति भक्त में न होती

भक्ति भक्त में न होती तो , भक्त भगवान बन जाता
वासना प्रेम को न छलती तो प्रेम वरदान बन जाता

- नमालूम

Saturday, November 22, 2014

फानूस बनकर

फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे
वो शमा क्या बुझेगी जिसे रौशन ख़ुदा करे

- नमालूम

दुनिया बदल गयी

दुनिया बदल गयी बदल गया ज़माना
हमें बड़ी सोच है तुम भी बदल न जाना

- नमालूम

ओ दूर रहने वाले वादा

ओ दूर रहने वाले वादा न भूल जाना
रास्ता अँधेरा है , तुम चाँद बं के आना

- नमालूम

सुकूने दिल के वास्ते

सुकूने दिल के वास्ते वादा तो कीजिए
हम जानते हैं आपसे आया न जाएगा

- नमालूम

नहीं कोई सिकंदर

नहीं कोई सिकंदर इस ज़माने में
वक़्त ही सिकंदर होता है

- नमालूम

बे बड़े खुशनसीब होते हैं

बे बड़े खुशनसीब होते हैं
आप जिनके क़रीब होते हैं

- नमालूम

ख़ुशी के साथ दुनिया में

ख़ुशी के साथ दुनिया में हजारों ग़म भी होते हैं
जहाँ बजती है शहनाईयां , वहां मातम भी होते हैं

- नमालूम

महबूब मेरे महबूब

महबूब मेरे महबूब तू है तो ही ये दुनिया इतनी हंसी है
अगर तू नहीं तो इस दुनिया में कुछ भी नहीं है

- नमालूम

साहिल के जद पे

साहिल के जद पे कितने लोग मेरे साथ थे
तूफां की जद पर आया तिनका नहीं मिला 
डूबते रहे लहरों में किनारा नहीं मिला
उनसे बिछड़ कर फिर कोई उन सा नहीं मिला

- नमालूम

मित्रता हमको प्यारी है

मित्रता हमको प्यारी है
हम भी इसे निभाएंगे
लगाकर तन की बाजी
इसे उन्नत बनायेंगे

- नमालूम

वियोगी होगा पहला कवि

वियोगी होगा पहला कवि
आह से उपजा होगा गान
उमड़ कर आँखों से चुपचाप
वही होगी कविता अनजान

- नमालूम

गर साथ दिया तो संवर जायेंगे

गर साथ दिया तो संवर जायेंगे
गर किया किनारा तो किधर जायेंगे
हमें दिल के कोने में क़ैद करो या न करो
एक खुशबू भरा झोंका है गुजर जायेंगे

- नमालूम

Friday, November 21, 2014

न चमन बदला है, न गगन बदला है

न चमन बदला है, न गगन बदला है
न ज़मीं बदली है, न आसमां बदला है
शमशान की खामोशी चीख-चीख के कह रही
कि लाश वही है सिर्फ कफ़न बदला है

- नमालूम

कश्ती भंवर तूफां से निकल सकती है

शमा बुझ जाए तो जल सकती है
कश्ती भंवर तूफां से निकल सकती है
मायूस न हो मित्र , न इरादे बदल
तकदीर किसी भी वक़्त बदल सकती है

- नमालूम

चमन में बहार लाने की जरूरत थी

चमन में बहार लाने की जरूरत थी
तो सींचने का काम मैंने किया
आज चमन में बहार आई
तो आपने कहा अब तेरा काम नहीं

- नमालूम

ऐसा थका

पास कलाई के आकर चूड़ी टूट गयी
वैसे ही बन -बन कर मेरी क़िस्मत फूट गयी
मैं इस तपती दोपहरी में, ऐसा थका
हुआ राही हूँ , स्टेशन पर जाकर गाड़ी छूट गयी

- नमालूम

तुझे पाया तो सब पाया

तुझे खोया तो सब खोया तुझे पाया तो सब पाया
गयी चाह जब , शहंशाह थे हम
थी रंक दुनिया .

- नमालूम

दिल तो दिल है

दिल तो दिल है शीशा तो नहीं
ठेस लगी और टूट गया
सौ यार मिलेंगे तुमको वहां
क्या हुआ जो इक छूट गया

- नमालूम

तेरी आँख से जब मोती गिरेंगे

तेरी आँख से जब मोती गिरेंगे
बेमौसम फूल पत्ते झरेंगे
थोड़ा सा तुम मुस्कुरा दो
तो खिजां में भी फूल खिलेंगे

- नमालूम

मन के कोने में

मन के कोने में, इक झरोखे से
भूली यादों ने झाँका धोखे से
इक कसक सजग हुयी अनजाने
दिल मचला रुका न रुके से

- नमालूम

मुझे ग़म नहीं इसका

मुझे ग़म नहीं इसका कहीं ज़माना बदल न जाए
मेरी आरजू है तुमसे कहीं तू न बदल जाए

- नमालूम

क्या बताऊँ ? क्या रहा !

क्या बताऊँ ? क्या रहा ! कैसा मुकद्दर खो गया
मोम दिल समझा था जिसको वह भी पत्थर हो गया

- नमालूम

हम बवफा थे

हम बवफा थे इसलिए नज़रों से गिर गए
शायद तुझे तलाश किसी बेवफा की थी

- नमालूम

हर एक को दावा है

हर एक को दावा है कि हम भी हैं कोई चीज
और हमको यह नाज़ है कि हम कुछ भी नहीं

- नमालूम

ओ सनम

ओ सनम - ओ मेरे सनम
दो जिस्म मगर एक जान हैं हम

- नमालूम

तू मेरा जीवन

तू मेरा जीवन , तू ही मेरा तन मन
ओ सनम - ओ मेरे सनम

- नमालूम

पत्र मिलते ही आपका

पत्र मिलते ही आपका मेरा दिल बाग़-बाग़ हो गया
क्या बताएं दर्द आपका , मेरे जिस्म का एक भाग हो गया.

- नमालूम

Monday, November 17, 2014

मैं एक छाया हूँ

मैं एक छाया हूँ , एक स्वप्न, एक निराकार आक्रोश, एक वियोग, एक रहस्य --- भावना से भावना तक भटकता हुआ एक विचार -- हर जगह आग देता हुआ और स्वयं ज्वाला में झुलसता हुआ , जल उठता हुआ, निरंतर उठता हुआ , उठता हुआ , न बुझता हुआ , न मरता हुआ ------


-  - शेखर - एक जीवनी - से

शान्ति, शान्ति !

शान्ति, शान्ति ! इस राजमार्ग पर केवल एक छोटा सा दीप आलोकित करता है-
इसके फीके प्रकाश से इतने थोड़े से कदम मेरे चरणों के आगे -


-  - शेखर - एक जीवनी - से

Peace, peace , such a small lamp

Peace, peace , such a small lamp
illumines on this highway
so dimly, so steps in front of my feet.

-  - शेखर - एक जीवनी - से 

मैं एकांत में जला किया हूँ

मैं एकांत में जला किया हूँ ,
और जलना अपना ही शमन लाया है
और भी अनबुझ जलन के रूप में -----

-  - शेखर - एक जीवनी - से 

I have burned in solitude

I have burned in solitude
And  burning has brought its own solace
In more quenchless burning----


-  - शेखर - एक जीवनी - से

मेरी बाती दोनों सिरों से जल रही है

मेरी बाती दोनों सिरों से जल रही है
वह रात भर नहीं रहेगी
किन्तु मित्रगण और शत्रुगण
कितनी सुन्दर है उसकी दीप्ति

-  - शेखर - एक जीवनी - से

My candle burns

My candle burns at both ends
It will not last the light
But oh my foes, and oh my friends-
It gives a lovely light  

-  - शेखर - एक जीवनी - से 

तुम्हारे प्यार के रहते हुए ही

तुम्हारे प्यार के रहते हुए ही मैं मर जाना चाहती हूँ
जब कि मेरा रूप तुम्हारी आँखों में सुन्दर है ,

और मेरे होठों पर हंसी है
मेरे केशों में कान्ति-----
तुम्हारे प्यार के रहते हुए ही मैं मर जाना चाहती हूँ
तब तक कौन जीना चाहेगा
जब कि प्यार के पास शेष रह जाए
न कुछ मांगने को , न कुछ देने को
मैं मर जाना चाहती हूँ ---

-  - शेखर - एक जीवनी - से

I want to die while you love me

I want to die while you love me
while yet you hold me fair

while laughter lies upon my lips
and lights are in my hair

i want to die while you love me
oh who would care to live

Till love has nothing more to ask
And nothing more --- to give
 I want to die--------

- शेखर - एक जीवनी - से

हम दोनों वर्षों से एक भवन बनाते रहे हैं

हम दोनों वर्षों से एक भवन बनाते रहे हैं, तुम और मैं जिसमें न तुम रहोगे , न मैं ---- किन्तु हम उसमें नहीं रहेंगे इसी मात्र से वह कम सुन्दर नहीं होगा .......


- शेखर - एक जीवनी - से

प्यार एक कला है

प्यार एक कला है और कला संयम का दूसरा नाम है. और इसकी व्याख्या की गयी थी किसी भी एक व्यक्ति को इतना प्यार नहीं करना चाहिए कि जीवन में किसी दूसरे उद्देश्य की गुंजाईश न रह जाए - कि जीवन एक स्वतंत्र इकाई है और यदि वह बिलकुल पराधीन हो जाये तो यह कला नहीं है , क्योंकि कला आदर्श से उतरकर है.

 - शेखर - एक जीवनी - से

प्यार एक आकर्षण है

प्यार एक आकर्षण है, एक शक्ति जिससे जीवन की स्थितिशीलता विचलित हो जाती है

- शेखर - एक जीवनी - से

अभिमान से भी बड़ा दर्द होता है

अभिमान से भी बड़ा दर्द होता है , पर दर्द से भी बड़ा एक विश्वास  है


- शेखर - एक जीवनी - से 

ऐसे भी दर्द होते हैं

ऐसे भी दर्द होते हैं जो अभिमान से बड़े होते हैं

- शेखर - एक जीवनी - से

Friday, November 14, 2014

गरीब की सांस

गरीब की सांस वह धौंकनी होती है , जो लोहा गला दे

- शेखर - एक जीवनी - से

खामोश रहने से

खामोश रहने से इंसान का वक़ार बुलंद होता है .

- नमालूम
9.7.2000

दौलत की हिफाजत

दौलत की हिफाजत तुम करते हो लेकिन तुम्हारी हिफाजत इल्म करता है

- नमालूम

मेरे दोस्त !

मेरे दोस्त ! जिस तरह हर रात की एक सहर होती है , खिजां के बाद बहार आती है, इसी तरह ग़मों के बाद खुशियाँ जरूर मिलती हैं. कभी नउम्मीद मत होना कि हम भी इसी आसमान के नीचे जरूर मिलेंगे .

- नमालूम

एक बार जो दिल में बस गया सो बस गया

एक बार जो दिल में बस गया सो बस गया . प्यार तो जंगल की वह आवारा व् मदमस्त हवा है , जो एक बार दिल को छूकर निकल जाती है फिर दिल जीवन भर उसकी यादों में तरसता रहता है .

- नमालूम

Thursday, November 13, 2014

प्यार, सम्बन्ध ,व्यवहार ,आत्मीयता

प्यार, सम्बन्ध ,व्यवहार ,आत्मीयता यह सब प्रवंचना के भिन्न-भिन्न शारीर हैं. निस्वार्थ स्नेह , मित्रता या सम्बन्ध नाम की कोई चीज नहीं है इस दुनिया में. स्वार्थ के कांटे में प्रेम का आटा लगाकर मछलियाँ फ़साना ही बुद्धिमत्ता का प्रतीक है. पैसा, पैसा ,पैसा और केवल पैसा ही दुनिया का पहला और अंतिम सत्य है

- नमालूम

एक दिन सौभाग्य ने

एक दिन सौभाग्य ने एक व्यक्ति का द्वार खटखटाया परन्तु उस व्यक्ति ने वह आवाज़ नहीं सुनी, वह पड़ोसी के यहाँ बैठा अपने दुर्भाग्य की कहानी सुना रहा था .

- नमालूम

यह बात कुछ महत्वपूर्ण नहीं है

यह बात कुछ महत्वपूर्ण नहीं है कि आदमी मरता कैसे है बल्कि यह महत्व रखती है कि वह जीता किस तरह से है .

- नमालूम


सज्जन वही है

सज्जन वही है जो उन व्यक्तियों का भी सम्मान करता है जो उसके किसी काम नहीं आ सकते .

- नमालूम

नदी छिछली होने के कारण

नदी छिछली होने के कारण भागी फिर रही है . गंभीर समुद्र स्थिर और स्थायी होता है

- नमालूम

मुझे आगामी कल से

मुझे आगामी कल से डर नहीं क्योंकि मैं पिछला कल देख चुका हूँ और आज से प्यार करता हूँ

- नमालूम

अमीर वह है

अमीर वह है जिसकी आय उसके व्यय से अधिक है और गरीब वह है जिसका व्यय आय से अधिक है

- नमालूम

मित्र की परख

मित्र की परख विपत्ति में होती है , शूरवीर की युद्ध में , ईमानदारी की कर्ज में और स्त्री की जब धन समाप्त हो जावे .

- नमालूम

बोलने से पहले अच्छी तरह सोच लो

बोलने से पहले अच्छी तरह सोच लो क्योंकि तुम्हारी जबान से निकले हुए शब्द दूसरे व्यक्ति के दिल में तुम्हारे लिए सफलता व असफलता का बीज बो देंगे

- नमालूम

अज्ञानी लोग

अज्ञानी लोग ही दूसरों को जानने की कोशिशें करते हैं. ज्ञानी वही है जो अपने को जान्ने की कोशिश करता है.

- नमालूम

'मैं और मेरा' अज्ञान है



'मैं और मेरा' अज्ञान है. तू और तेरा ज्ञान है

- रामतीर्थ

जो तेरे सामने



जो तेरे सामने औरों की निंदा करता है, वह औरों के सामने तेरी निंदा करेगा

- शेख सादी

सज्जनों से निष्फल



सज्जनों से निष्फल याचना भी अच्छी , नीच से सफल याचना भी अच्छी नहीं

- कालिदास

अपने काम को चाँद



अपने काम को चाँद और सूरज के काम की तरह निस्वार्थ बना दो तभी अपने काम में सफलता मिलेगी

- रामतीर्थ