Friday, November 21, 2014

न चमन बदला है, न गगन बदला है

न चमन बदला है, न गगन बदला है
न ज़मीं बदली है, न आसमां बदला है
शमशान की खामोशी चीख-चीख के कह रही
कि लाश वही है सिर्फ कफ़न बदला है

- नमालूम

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