Friday, December 26, 2014

नारी ! तुम केवल श्रृद्धा हो

नारी ! तुम केवल श्रृद्धा हो विश्वास रजत नाग पगतल में
पीयूष स्रोत ही बहा करो जीवनके सुन्दर समतल में

- नमालूम

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