प्यार, सम्बन्ध ,व्यवहार ,आत्मीयता यह सब प्रवंचना के भिन्न-भिन्न शारीर
हैं. निस्वार्थ स्नेह , मित्रता या सम्बन्ध नाम की कोई चीज नहीं है इस
दुनिया में. स्वार्थ के कांटे में प्रेम का आटा लगाकर मछलियाँ फ़साना ही
बुद्धिमत्ता का प्रतीक है. पैसा, पैसा ,पैसा और केवल पैसा ही दुनिया का
पहला और अंतिम सत्य है
- नमालूम
- नमालूम
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