मैं सांस लेता हूं तेरी खुशबू आती है
Monday, November 17, 2014
हम दोनों वर्षों से एक भवन बनाते रहे हैं
हम दोनों वर्षों से एक भवन बनाते रहे हैं, तुम और मैं जिसमें न तुम रहोगे , न मैं ---- किन्तु हम उसमें नहीं रहेंगे इसी मात्र से वह कम सुन्दर नहीं होगा .......
- शेखर - एक जीवनी - से
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