मैं सांस लेता हूं तेरी खुशबू आती है
Wednesday, December 3, 2014
स्वप्न के दायरे से निकल जायेंगे
स्वप्न के दायरे से निकल जायेंगे
आपकी ही तरह हम संभल जायेंगे
पतझड़ में सुमन के चलन की तरह
आप बदले हैं हम भी बदल जायेंगे
- नमालूम
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