आजकल मैं भी वही हूँ जो दुनिया है
अँधेरे में फिर उजाले मांगते हैं
लहू में रात वाले मांगते हैं
तुम्हारे पाँव गुल, कूचे हिना के
हमारे पाँव छाले मांगते हैं
- नमालूम
अँधेरे में फिर उजाले मांगते हैं
लहू में रात वाले मांगते हैं
तुम्हारे पाँव गुल, कूचे हिना के
हमारे पाँव छाले मांगते हैं
- नमालूम
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