होके मायूस न यों शाम से ढलते रहिये
ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे
धीरे,धीरे ही सही राह पर चलते रहिये
- नमालूम
ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे
धीरे,धीरे ही सही राह पर चलते रहिये
- नमालूम
No comments:
Post a Comment