Wednesday, November 12, 2014

सदैव प्रसन्न रहो !

सदैव प्रसन्न रहो ! इससे मस्तिष्क में अच्छे विचार आते हैं और चित्त शुभ कार्यों की ओर लगा रहता है.

- नमालूम

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