Thursday, November 13, 2014

संसार में ऐसा

संसार में ऐसा कोई नहीं हुआ है , जो मनुष्य आशा का पेट भर सके. पुरुष की आशा समुद्र के समान है वह कभी मरती नहीं है

- वेद व्यास

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