मैं सांस लेता हूं तेरी खुशबू आती है
Friday, January 2, 2015
नफरत के इस शहर का क्या होगा
नफरत के इस शहर का क्या होगा , अपने के कहर का क्या होगा
धरती बाँट के चाँद पे पहुँच , अब चाँद के घर का क्या होगा
- नमालूम
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment