Tuesday, March 31, 2015

प्रेम में स्मृति का ही सुख है

प्रेम में स्मृति का ही सुख है. एक तीस उठती है वही तो प्रेम प्राण है. आश्चर्य तो यह है कि प्रत्येक कुमारी के ह्रदय में वह निवास करती है. पर उसे सब प्रत्यक्ष नहीं कर सकती , सबको उसका मार्मिक अनुभव नहीं होता।

- नमालूम

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